रोहतक : आनलाइन ट्रांसफर के विरोध में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

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Protesting against online transfer policy
Protesting against online transfer policy

संजीव कुमार, रोहतक :

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के प्रधान रणधीर कटारिया और शिक्षक संघ के प्रधान विकास सिवाच ने सरकार के तुगलकी फरमान आनलाइन ट्रांसफर के विरोध में आज चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के निवास स्थान पर ज्ञापन सौंपा और साथ ही यह भी चेताया कि यह आनलाइन ट्रांसफर का तुगलकी फरमान विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों हितो के विरुद्ध है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि वह उनके साथ हैं वही मुख्यमंत्री के ओएसडी ने विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को जल्द ही इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री से मीटिंग कराने की बात कही। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के प्रधान रणधीर कटारिया ने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को आनलाइन ट्रांसफर पालिसी का विरोध जताते हुए कहा कि यह  विश्वविद्यालय के नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय एक स्वायत्त संस्था है जिसमें सरकार का हस्तक्षेप करना बिल्कुल ठीक नहीं है। इससे विश्वविद्यालय की स्वायत्तता को एक बड़ा खतरा है। हरियाणा विश्वविद्यालय और कालेज फेडरेशन के प्रधान विकास सिवाच ने भी बताया कि विश्वविद्यालय अनुसंधान व शिक्षा के लिए जाने जाते हैं। महासचिव रविंदर लोहिया ने कहा कि विश्व विद्यालयों का काम शिक्षा के साथ-साथ  अनुसंधान करना भी है और हमारे देश को आज अनुसंधान के क्षेत्र में अगर्णिय होने की बहुत जरूरत है।

अगर किसी भी प्रकार से कर्मचारियों का तबादला होता रहा तो वह रिसर्च के क्षेत्र में कोई भी योगदान नहीं दे पाएंगे क्योंकि रिसर्च लैब बार-बार स्थापित करना न केवल किसी भी अध्यापक के लिए मुमकिन है बल्कि सरकार को भी यह कर पाना बहुत मुश्किल है। इसलिए सरकार की इस पालिसी के बारे में पुनर्विचार करने की जरूरत है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के उप प्रधान राजेश गिरधर  ने भी बताया कि एक विश्वविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय में काम करने के तरीके भी अलग है और उनके प्रमोशन पालिसी भी अलग अलग है। यहां तक की उनकी जवाइनिंग में भी यह दिया होता है कि सभी कर्मचारियों का अधिकार क्षेत्र जवाइनिंग लेटर में दिया होता है। अगर ट्रांसफर पालिसी लागू होती है तो यह जवाइनिंग लेटर के भी खिलाफ होगा। इसलिए आनलाइन ट्रांसफर पालिसी कर्मचारियों के बिल्कुल हित में नहीं है।  इसलिए सभी विश्वविद्यालयों के कर्मचारी इस आनलाइन ट्रांसफर पालिसी को किसी भी तरह से नाजायज बताते हुए इसको सरकार के इस तुगलकी फरमान को वापस लेने  के हक में है। आज ज्ञापन देने के लिए महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ के प्रधान विकास सिवाच व डाक्टर सुमेघ एवम् गैर शिक्षक संघ के प्रधान रणधीर कटारिया, के साथ-साथ उप प्रधान राजेश गिरधर, महासचिव रविंद्र लोहिया, प्रेस सचिव वरुण कुमार सैनी, संजीव कुमार, सुरेश, फेडरेशन चेयरमैन दयानंद सोनी, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रधान नीलकंठ शर्मा, एच ए यू के प्रधान दिनेश राहड, चौधरी देवी लाल के प्रधान मोहिंदर बेनीवाल, पीजीआईएमएस के प्रधान तारीफ सिंह नांदल, महासचिव संजय सिंहमार, उप प्रधान अनिल शर्मा, संजीव भारद्वाज के साथ-साथ सभी विश्वविद्यालयों के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।