यूनिवर्सिटी आउटरीच कार्यक्रम के तहत गांव गढ़ी बोहर में किया पौधरोपण
संजीव कुमार, रोहतक :
जिस प्रकार हमारे शरीर को पोषण के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार पर्यावरण को शुद्ध रखने व उसके पोषण के लिए पेड़-पौधों की आवश्यकता होती है। पेड़-पौधे पर्यावरण की अशुद्धियों को सोख लेते हैं और हमें शुद्ध प्राणदायिनी वायु देते हैं। इसकी निरंतरता बनाए रखने के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए। उक्त विचार अखिल भारतीय जाट सूरमा स्मारक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. महेश कुमार ख्यालिया ने गढ़ी बोहर गांव में पौधरोपण कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने बुधवार को यूनिवर्सिटी आऊटरीच प्रोग्राम के तहत गांव गढ़ी बोहर के शहीद टेकराम राजकीय उच्च विद्यालय में पौधरोपण किया। डॉ. ख्यालिया ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करना सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। इसके लिए हमें आगे आना चाहिए और दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए।
पर्यावरण के संरक्षण के लिए हमें सभी प्रकार के आयोजनों पर एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए और वृक्ष बनने तक उसकी देखभाल भी करनी चाहिए। जाट कॉलेज के यूनिवर्सिटी आउट रिच कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर डॉ. जसमेर सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत गांव गढ़ी बोहर को सामाजिक कार्यक्रमों व पर्यावरण से संबंधित कार्यों के लिए गोद लिया हुआ है। इसी कड़ी के तहत बुधवार को गांव के सरकारी स्कूल के प्रांगण में और आसपास छायादार, फलदार व औषधीय पौधे लगाए गए। गढ़ी बोहर स्कूल के प्राध्यापक एवं पर्यावरणविद् राजरूप राठी ने भी विद्यार्थियों और स्टाफ के साथ मिलकर स्कूल प्रांगण में पौधारोपण किया। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। पेड़-पौधे लगाने के बाद उनका संरक्षण करना बहुत जरूरी है। इस अवसर पर एनएसएस की कार्यक्रम अधिकारी सुशीला डबास, डॉ. अशोक खासा, राजरूप राठी, मुख्याध्यापिका वीना देशवाल, सुषमा आर्य, सुनीता, यूनिवर्सिटी आउट रिच कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर डॉ. जसमेर सिंह, डॉ. प्रदीप बल्हारा व विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।