रोहतक: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने जन्नत के ख्वाब दिखाकर, कुएं में धकेल दिए सेक्टर-4 एक्सटेंशन निवासी

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illegal possession
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संजीव कुमार, रोहतक

जन्नत के ख्वाब दिखाकर, कुएं में धकेलना की कहावत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण सेक्टर-4 एक्सटेंशन के मामले में चरितार्थ कर रही है। वहां विकास कार्य न होने के सन्दर्भ में स्थानीय निवासियों ने सीएम विंडो के माध्यम से आज जोर-शोर से आवाज उठाई। इससे पूर्व काफी संख्या में नागरिक पार्क के सामने एकत्रित हुए तथा वहां की हालत पर रोष प्रकट किया तथा अवैध कब्जे दिखाए।

सेक्टर-4 एक्सटेंशन निवासी सत्यपाल सिंह, कर्मबीर सिंह, योगेन्द्र दहिया, विकास शर्मा, सतपाल, मुक्तयार सिंह, सतबीर धनखड़, गौरव बुधवार, महावीर कादियान, अनुज धनखड़, मीर सिंह माथुर, सतपाल बडक, विजयपाल शर्मा, कुलदीप, रविन्द्र तंवर, नवीन बुधवार, नफे सिंह, सुरेन्द्र दहिया आदि ने सीएम विंडो पर मुख्यमंत्री को दी शिकायत में बताया कि सेक्टर-4 एक्सटेंशन में उन्हें प्लाट जन्नत का सपना दिखाकर बेचे गए थे। लेकिन बाद में यहां सुविधाओं का भारी अभाव निकला। हालत यह रही कि यहां आज तक कोई विकास कार्य विभाग द्वारा करवाया ही नहीं गया है। अधिकारियों को बार-बार पत्र लिखने के बावजूद आज तक कोई भी विकास कार्य यहां शुरू नहीं हो सका है। जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त है।

नागरिकों ने कहा कि वे सेक्टर-4 एक्सटेंशन में नारकीय जीवन जीने पर मजबूर हैं। खाली प्लाट में दिन भर सूअर लोट मारते हैं और सफाई व्यवस्था भी बदहाल है। अधिकारियों को बार-बार आरडब्ल्यूए के माध्यम से शिकायतें भेजी गई हैं। जिन पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। अधिकारी जान-बूझकर विकास कार्य करवाने से बच रहे हैं। जिसकी वजह से उन्हें कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही।

नागरिकों ने वहां कागजों में दिखाए गए पार्क को दिखाते हुए कहा कि आज तक पार्क के नाम पर चारदिवारी तक विभाग द्वारा नहीं करवाई गई है। यहां बड़ी-बड़ी कीकर खड़ी हैं तथा कुछ लोगों ने पार्क की जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान तक बना लिए हैं। जिस पर बार-बार शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई जा रही। सेक्टर की गलियां बदहाल स्थिति में हैं। नागरिकों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग की है कि उनकी समस्याओं को तुरन्त दूर किया जाए तथा पार्क की चारदिवारी करवाकर वहां पौधे लगवाए जाएं तथा अन्य सुविधाएं भी सेक्टर-4 एक्सटेंशन निवासियों को प्रदान की जाएं।