संजीव कुमार, रोहतक:
उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संदर्भ में फसल बदलने वाले किसानों से समय रहते बैंक को सूचित करने को कहा है ताकि योजना के तहत सही फसल का प्रीमियम काटा जा सके। उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन में प्रीमियम काटने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है। कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि भारत में कृषि सबसे ज्यादा मौसम पर निर्भर है। अक्सर देखा जाता है कि किसानों की फसल बारिश, ओलावृष्टि, रोगों और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से खराब हो जाती है। ऐसे में कम जानकारी के अभाव एवं सही समय पर फसलों का बीमा न होने की वजह से किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाता, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है.। कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि मौसम की मार के चलते बर्बाद हुई फसलों का किसानों को फसलों के नुक्सान का मुआवजा देने के लिए फरवरी 2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू किया गया, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से बर्बाद हुई फसलों को मुआवजा देना है।
किस आधार पर मिलेगा फसल बीमा का लाभ
कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि इस समय किसान खरीफ की बुवाई कर रहे हैं। किसान धान, मक्का, बाजरा, कपास जैसी खरीफ की फसलों का बीमा करवा सकते हैं। खरीफ फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2021 है। इस योजना के तहत बुवाई के 10 दिन के अंदर किसान को पीएमएफबीआई के लिए आवेदन करना होगा। बीमा का लाभ तभी मिलेगा जब फसल किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से ही खराब हुई हो। उन्होंने कहा कि खरीफ की फसल के लिए किसान को 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम देना पड़ता है। इसके अलावा बागवानी फसलों के लिए किसानों को 5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए यह करना होगा
अगर फसल किसी प्राकृतिक कारणों से बर्बाद हो जाती है तो सबसे पहले 72 घंटे के अंदर इसकी सूचना कृषि विभाग को देनी होगी, जिसके बाद अधिकृत व्यक्ति को खेतों का मुआयना करने के लिए भेजा जाएगा। खेतों में खराब हो चुकी फसलों का आंकलन कर बीमा कंपनी को रिपोर्ट दी जाएगी। इन सब प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद किसान को मुआवजा दे दिया जाएगा।
ऋणी किसानों के लिए योजना स्वैच्छिक
उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार के निदेर्शानुसार खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय, महम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर सभी बैंक प्रबंधकों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कृषि विभाग के सहायक सांख्यिकी अधिकारी विनोद हुड्डा ने बताया कि यह योजना ऋणी किसानों के लिए भी स्वैच्छिक है और जो ऋणी किसान बीमा नहीं करवाना चाहता वह 24 जुलाई तक संबंधित बैंक में जाकर इस बारे आवेदन दे सकता है। बैठक में कृषि विभाग के सांख्यिकी सहायक विकास व आशुतोष तथा बीमा कंपनी के राम ऋषि व सभी ब्लॉक प्रतिनिधि मौजूद थे।
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