संजीव कुमार, रोहतक :
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के राज्य कमेटी सदस्य रामकुमार, किसान नेता गिरवर सिंह तथा राहुल सरकार ने आज जंतर मंतर पर किसान संसद की कार्रवाई में भाग लिया। चर्चा का विषय था बिजली बिल (संशोधन) 2021 चर्चा में भाग लेते हुए राहुल सरकार ने कहा कि आजादी के वक्त बिजली सेवा क्षेत्र में आती थी। ये जो बिजली संशोधन बिल 2021 का ड्राफ्ट जारी किया गया है, इस बिल के पास होने पर बिजली उत्पादन तथा वितरण प्राइवेट हाथों में चला जाएगा। निजीकरण से किसानों, गरीब परिवारों तथा बीपीएल परिवारों को मिलने वाली सब्सिडी-क्रास सब्सिडी खत्म हो जाएंगी। किसानों तथा आम उपभोक्ताओं को कमर्शियल आधार पर बिजली बिलों का भुगतान करना पड़ेगा।
एक यूनिट कम से कम 8-10 रुपये की पड़ेगी। एक अनुमान के अनुसार किसानों को प्रति मास करीब 6000 बिजली का बिल भरना पड़ेगा और जो किसान बिल का भुगतान नहीं कर पाएंगे उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा। इस तरह फसल और किसान बर्बाद हो जाएंगे। कारपोरेट घराने शिक्षा इलाज की तरह बिजली क्षेत्र को भी मुनाफा कमाने के क्षेत्र के रूप में देख रहे हैं और लंबे समय से सब्सिडी समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इस तरह बिजली पूरी तरह प्राइवेट कंपनियों के हाथ में आ जाने से मिलने वाली सब्सिडियां खत्म हो जाएंगी इससे सिंचाई बेतहाशा महंगी हो जाएगी तथा गरीब लोग बिजली से वंचित हो जाएंगे। जनता पहले ही महंगाई से त्राहि-त्राहि कर रही है। बिजली के निजीकरण से उस पर बेतहाशा बोझ बढ़ जाएगा। अत: अध्यक्ष महोदय मैं बिजली बिल संशोधन 2021 का कड़ा विरोध करता हूं और सरकार से इसे वापस लेने की मांग करता हूं।