संजीव कुमार, रोहतक:
बलात्कार, शोषण पीड़िता पुलिस प्रशासन के द्वारा दोषी के खिलाफ 3 महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही न करने पर डा अम्बेडकर चौक रोहतक पर निराश होकर आमरण अनशन पर बैठी। जिससे जिला प्रशासन रोहतक में अफरा-तफरी मच गई। पीड़िता ने कहा कि 28 जून को एस.पी रोहतक की दी शिकायत पत्र 10 दिन में भी डीएसपी सुशीला के पास ना पहुंचने से आहत महिला ने भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला किया। जिसमें भूख हड़ताल पर बैठी महिला एवं सहयोगियो को पुलिस प्रशासन ने बार बार मनाने का प्रयास किया लेकिन पीड़िता महिला ने साफ कहा
1. दोषी को गिरफ्तार करे, 2. बच्चो के ब्यान दर्ज किया जाए, 3. आडियो सीडी को जांच में शामिल करे। 4. पुलिस के द्वारा निचले स्तर पर किए गए लेन देन ओर लापरवाही की जांच कर इनके खिलाफ कार्यवाही करे। उसके बाद सोचेंगे।
डीएसपी सुशीला के नेतृत्व में एसपी रोहतक द्वारा एस.आई.टी गठित कर दी गई है। इसके आश्वाशन पर महिला प्रोमिला, सिविल लाइन रमेश कुमार ने मौके पर आकर परिवार को एस.आई. टी इंचार्ज के आदेश पर विश्वास दिलाया कि हमें एक दिन का समय दे। हम दोषी को गिरफ्तार करेंगे पीड़िता को न्याय प्रदान करेंगे। जिला प्रशासन के आश्वाशन पर आमरण अनशन स्थगित कर दिया जिसमें मौके पर आए पुलिस अधिकारियों ने छात्र नेता विक्रम सिंह डूमोलिया की उपस्थिति में जूस पिलाकर अनशन खतम करवाया। कल डीएसपी सुशीला जी ने अपने दफ्तर में बुलाकर निजी तौर पर पूरी घटना की जानकारी लेकर न्याय दिलाने का आश्वासन देकर धरने का समापन करवाया। धरने में शामिल प्रमुख रूप से छात्र नेता विक्रम सिंह डूमोलिया, मुनी लाल, रेणु, बिजेंद्र, रोहित रिठाल, हरी स्वरूप, मामण, सुमित, मनजीत, विनर, मनीषा, मोनिका, ममता, सेवानंद, रजवंती, संतरा, सरोज, प्रकाश, अमन, नारायण, जय, सुनील, संजीत, कृष्ण, कमला, प्रेम, संदीप इत्यादि प्रमुख रूप से शामिल थे।