संजीव कुमार, रोहतक :
डिजिटल टीचिंग-लर्निंग आधुनिक समय की मांग है। डिजिटल टीचिंग के लिए गुणवत्तापरक ई-सामग्री तैयार एक चुनौती है। आज जरूरत है कि शिक्षक गुणवत्तापरक ई-सामग्री तैयार करने के लिए जरूरी कौशल एवं तकनीकों बारे व्यावहारिक ज्ञान में पारंगत बनें। यह उद्गार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के कंप्यूटर साइंस एवं एप्लकेशन्ज विभाग के अध्यक्ष तथा डिजिटल लर्निंग सेंटर के निदेशक प्रो. नसीब सिंह गिल ने पांडिचेरी यूनिवर्सिटी के यूजीसी-एचआरडीसी द्वारा संचालित आनलाइन फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम में बतौर विशेष वक्ता व्यक्त किए।
प्रो. नसीब सिंह गिल ने-स्किल्ज एंड टेक्नीक्स फॉर ई-कंटेंट डेवलपमेंट तथा न्यू एजुकेशन पॉलिसी विषय पर विशेष व्याख्यान दिए। अपने प्रभावशाली संबोधन में प्रो. गिल ने कहा कि डिजिटल एजुकेशन ने शिक्षण कार्य को दुनिया को दूरस्थ क्षेत्रों तक सुगमता से पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक ई-सामग्री तथा तकनीक के सही उपयोग से शिक्षण प्रणाली में सुधार आएगा और यह अधिक सुगम एवं प्रभावी बनेगी। प्रो. नसीब सिंह गिल ने नई शिक्षा नीति के प्रमुख बिंदुओं को सांझा किया। उन्होंने मूडल-ओपन सोर्स लर्निंग मैनजमेंट सिस्टम की उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा इंटरनेट पर उपलब्ध ई-रिसोर्सेज एवं उनकी एक्सेस बारे जानकारी सांझा की।
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