संजीव कुमार, रोहतक :
एक ओर जहां केंद्र सरकार बीएसएनल को घाटे से उबारने की कोशिश कर रही है वहीं रोहतक में तैनात अधिकारी भ्रष्टाचार करके इसको गर्त में पहुंचाने का काम कर रहे हैं। बीएसएनएल में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए आज सैनीपुरा निवासी आजाद कुमार ने स्थानीय मैना पर्यटक केंद्र पर एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर सबूतों सहित बीएसएनएल के महाप्रबंधक सुरेश कुमार व सहायक महाप्रबंधक ललिता रानी के कारनामों की पोल खोल दी। आजाद कुमार ने कहा कि बीएसएनएल विभाग द्वारा वाहनों को किराये पर लेने के लिए 5 जुलाई, 2021 से ई-टेंडर निकाले हुए हैं। जिसको भरने की अंतिम तिथि आनलाइन 26 जुलाई को दोपहर 2 बजे तक है जबकि आफलाइन 27 जुलाई, 2021 को दोपहर 2 बजे तक है।
इस टेंडर के माध्यम से बीएसएनएल विभाग द्वारा भारी घोटाला करने की रूपरेखा पहले से ही तैयार कर ली है। मसलन इस टेंडर को भरने के लिए लगाई गई शर्तों में यह लिख दिया गया है कि ठेकेदार के पास दो वाहनों का वित्तीय वर्ष 2020-21 व वित्तीय वर्ष 2019-20 का वैध अनुभव होना चाहिए। यह शर्त विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों ने इसलिए लगाई है कि वे अपने चहेते ठेकेदार को यह ठेका छोडना चाहते हैं क्योंकि पिछले दो वर्षों से यह ठेका उक्त ठेकेदार के पास ही है तो कोई अन्य व्यक्ति या फर्म इस टेंडर को भर ही नहीं सकता। आजाद कुमार ने कहा कि रेवाड़ी, करनाल, जींद, अम्बाला, सोनीपत, गुरूग्राम व हिसार आदि जिलों में स्थित बीएसएनएल कार्यालयों ने जो टेंडर निकाले हैं उनमें किसी भी एक या दो साल का वैध अनुभव होने की शर्त ही रखी गई है। लेकिन रोहतक बीएसएनएल कार्यालय द्वारा इस तरह की अजीब शर्त रखकर मौजूदा ठेकेदार को फायदा पहुंचाने की नीयत से रखी गई है। जोकि टेंडर के कागजातों के जरिये जनता के सामने आ गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बीएसएनएल द्वारा ठेके पर ली जाने वाली टाईप-ए गाडियों में अम्बेस्डर, इंडिका, इंडिगो, मारूती डिजायर कारें व टाईप-सी में टाटा सूमो, टैंपू, ट्रैवलर, बोलेरे, पिकअप आदि टैक्सी नंबर गाडियां ही शामिल हैं।
लेकिन मौजूदा जीएम सुरेश कुमार पिछले 8-9 महीनों से भारत सरकार लिखी टेंपरेरी नंबर की हुंडई कंपनी की क्रेटा गाड़ी का उपयोग कर रहे हैं। जोकि मौजूदा ठेकेदार के भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सबूत है। क्योंकि बीएसएनएल द्वारा बिल किसी अन्य गाड़ी का पास किया जा रहा है और गाड़ी किसी और कंपनी की उपयोग की जा रही है। आजाद कुमार ने कहा कि इस टेंडर की शर्तें अधिकारियों द्वारा इस मंशा से बनाई गई हैं कि कोई और व्यक्ति इस टेंडर को भरने के काबिल ही न रहे और मजबूरी में यह टेंडर मौजूदा ठेकेदार को ही दिया जा सके। उन्होंने कहा कि यह एक भारी आर्थिक घोटाला है जिसे बीएसएनएल के अधिकारियों द्वारा सरेआम अंजाम दिए जाने की मंशा है। उन्होंने कहा कि टेंडर हर व्यक्ति के लिए ओपन होना चाहिये ताकि कोई भी व्यक्ति टेंडर भर सके। इससे जहां ठेकेदारों की संख्या बढ़ेगी तथा बीएसएनएल को भी कम कीमत में परिवहन सुविधाएं मिल सकेंगी। लेकिन बीएसएनएल अधिकारियों द्वारा इस तरह के नियम व शर्तें थोपकर आम लोगों को टेंडर भरने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे इसका विरोध करते हैं तथा इस मामले को हर स्तर पर उठाएंगे।