पीआरटीसी के बेड़े में जल्द शामिल होंगी 577 बसें, जनवरी तक 200 नई बसें मिलने की उम्मीद
Punjab News (रोहित रोहिला), चंडीगढ़। पंजाब सरकार राज्य के लोगों को बेहतर यात्रा सुविधा देने के लिए अपने बसों के बेड़े को बढ़ाने की तैयारी कर चुकी है। सरकार का मानना है कि सूबे के लोगों को यातायात को लेकर बसों का लंबा इंतजार नहीं करना पड़े। इसको लेकर सरकार पीआरटीसी के बेड़े में करीब 577 नई बसें शामिल करने की तैयारी कर रही है। अभी तक 400 से ज्यादा बसों के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जनवरी 2025 में पीआरटीसी को 200 बसें मिल जाएंगी, जबकि बाकी बसें मई तक सड़कों पर उतार दी जाएंगी। इसके अलावा सरकारी अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थायी करने की रणनीति बनाई जा रही है।
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जल्द ही इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में लाया जाएगा। सरकार इस समय सरकारी बस सेवा को मजबूत करने में लगी हुई है। साथ ही इसे निजी बसों की तर्ज पर बेहतर बनाया जा रहा है। मौजूदा समय की बात करें तो पीआरटीसी में करीब 704 बसें शामिल हैं, जो अब बढ़कर एक हजार 100 हो जाएंगी। वहीं रोजाना लोगों को 1.25 करोड़ रुपये की बस सेवा मुहैया कराई जाती है।
विभाग का मुनाफा भी बढ़ा
पीआरटीसी ने वर्ष 2021-22 के मुकाबले वर्ष 2023-24 में 263.39 करोड़ से अधिक की आय दर्ज की है। वर्ष 2022-23 में आय बढ़कर 870.48 करोड़ रुपए हो गई है। हालांकि महिलाओं को दी जा रही मुफ्त बस सेवा बंद हो रही है। इससे सरकार पर बोझ बढ़ गया है। इससे पहले राज्य सरकार ने करीब 600 बसों के परमिट रद्द किए थे। कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर का कहना है कि नियमों को ताक पर रखकर टेंडर जारी किए गए। इससे छोटे बस आपरेटर पूरी तरह खत्म हो गए। बस सेवा चंद परिवारों तक सीमित हो गई। वहीं, इससे सरकार को घाटा हो रहा था। इस प्रक्रिया को भविष्य में भी जारी रखने का फैसला किया गया है। समय-समय पर इन बातों की समीक्षा की जाएगी।
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कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर अड़े
पीआरटीसी और पनबस कर्मचारियों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर पहली जुलाई 2024 को जालंधर में हुई मीटिंग में उठाए गए मुद्दों का समाधान नहीं हुआ तो संघर्ष तेज किया जाएगा। कर्मचारियों की सात मुख्य मांगें हैं। इनमें सर्विस रूल के अनुसार सभी कर्मचारियों को स्थायी करना, ठेका प्रथा को खत्म करना, समान काम के लिए समान वेतन जारी करना, कर्मचारी विरोधी नियम वापस लेना, किलोमीटर स्कीम के तहत चलने वाली बसों को बंद करना और ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल हैं। पीआरटीसी के बेडेÞ में नई बसें शमिल होने से सूबे के लोगों को यात्रा करने में काफी आसानी हो जाएगी। सरकार की बसें उन रूटों पर भी चलेंगी जहां पर अभी तक कम बस सर्विस है। इससे लोगों को काफी फायदा होगा।
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