हरियाणा रोडवेज बस ने ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा की गिफ्टेड XUV700 गाड़ी को टक्कर मारी

0
258
हरियाणा रोडवेज बस ने ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा की गिफ्टेड XUV700 गाड़ी को टक्कर मारी
हरियाणा रोडवेज बस ने ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा की गिफ्टेड XUV700 गाड़ी को टक्कर मारी
आज समाज डिजिटल, पानीपत:
पानीपत। शहर में जीटी रोड स्थित लघु सचिवालय के सामने रोडवेज बस ने ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा की XUV700 गाड़ी को टक्कर मार दी। हादसा में किसी प्रकार का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन उनकी गाड़ी नंबर HR06AZ8758 क्षतिग्रस्त हो गई। गाड़ी में नीरज चोपड़ा के चाचा भीम चोपड़ा सवार थे और खुद ही ड्राइव कर रहे थे। बस हरियाणा रोडवेज के पंचकूला डिपो की थी। हादसे के बाद भीम चोपड़ा की रोडवेज चालक और परिचालक के साथ कहासुनी हो गई।

 

 

हरियाणा रोडवेज बस ने ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा की गिफ्टेड XUV700 गाड़ी को टक्कर मारी
हरियाणा रोडवेज बस ने ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा की गिफ्टेड XUV700 गाड़ी को टक्कर मारी

चालक और परिचालक ने हाथ जोड़कर भीम चोपड़ा से माफी मांगी

इस दौरान रोडवेज चालक और परिचालक ने कहा कि हरियाणा सीएम मनोहर लाल भी उनका कुछ नहीं बिगाड़े सकते। इस बात पर भीम चोपड़ा गुस्सा हो गए और उन्होंने मौके पर ही एसपी को कॉल कर पुलिस बुला ली। मौके पर पुलिस के पहुंचने से पहले ही रोडवेज चालक और परिचालक ने हाथ जोड़कर भीम चोपड़ा से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि गरीब आदमी हैं, इस कार्रवाई से उनकी नौकरी पर बात आ सकती है। उन दोनों की माफी की अपील सुनकर भीम चोपड़ा ने उन्हें भविष्य के लिए आगाह करते हुए जाने दिया। भीम चोपड़ा ने उन्हें भविष्य में संभलकर गाड़ी चलाने की हिदायत भी दी।

 

 

हरियाणा रोडवेज बस ने ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा की गिफ्टेड XUV700 गाड़ी को टक्कर मारी
हरियाणा रोडवेज बस ने ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा की गिफ्टेड XUV700 गाड़ी को टक्कर मारी

रोडवेज के चालक ने लापरवाही दिखाई

नीरज चोपड़ा के चाचा भीम चोपड़ा ने बताया कि वे यमुना एन्क्लेव की तरफ से जीटी रोड पर दिल्ली लैंड की तरफ चल रहे थे। उनके साथ-साथ हरियाणा रोडवेज की बस चल रही थी। दोनों अपनी-अपनी साइड में थे। इसी बीच हरियाणा रोडवेज के चालक ने लापरवाही दिखाई और उनकी गाड़ी को साइड मार दी। भीम चोपड़ा ने बताया कि बस में सवारियां थी। इस वजह उन्होंने मामले को जल्द ही रफा-दफा कर दिया। अगर बस में सवारी न होती तो वे चालक और परिचालक की अशोभनीय भाषा का जवाब सलीके  देते।