प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर:
बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों के साथ हुई मारपीट के विरोध में किसानों की उग्र भीड़ ने सोम नदी पुल को पूरी तरह से बंद कर दिया। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान एकजुट होकर सड़कों पर उतर आए। करनाल में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का विरोध करने प्रदेशभर के किसान बसताडा टोल प्लाजा पर पहुंचे।
बताया जा रहा है कि वहां पुलिस और किसानों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें दर्जनों किसान घायल हो गए। जिस पर किसान मोर्चा के आह्वान पर प्रदेश भर के किसान सड़कों पर जमा हो गए और सड़कें जाम कर दी। जिला प्रधान संजू गुंदियाना ने बताया कि मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तानाशाही के चलते बसताड़ा टोल प्लाजा पर बैठे किसानों पर हमला कर दिया, दर्जनों किसानों की टांगे तोड़ दी। किसानों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। जिला प्रधान ने आरोप लगाया कि मौजूदा किसानों के साथ तालिबानियों जैसा व्यवहार कर रही है सरकार तालिबानी ही है। इस सरकार ने तालिबानियों को को भी पीछे छोड़ दिया। इससे पहले भी सरकारें आई हैं। उनका कहना है कि जब किसान कह चुके हैं कि उनको यह कानून पसंद नहीं है तो फिर क्यों सरकार जबरदस्ती किसानों पर कानून थोप रही है। आज किसानों का खून पानी की तरह बहा गया है। जिसका बदला किसान लेकर रहेंगे। जिला प्रधान ने कहा कि किसान यूनियन के आला अधिकारियों के आदेश पर ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी। संयुक्त मोर्चा का आदेश हुआ तो एक-एक किसान सरकार के नेताओं को दफ्तरों और घरों से खींच कर सड़क पर लाएंगे। संजू गुंदियाना कहना है कि सरकार किसानों के विरोध के बाद भी जानबूझकर कार्यक्रम कर रही है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री को पुलिस के साए में कार्यक्रम करना पड़ गया। यह राज नहीं है यह केवल तानाशाही है। पुलिस की मौजूदगी में ऐसी क्या मीटिंग है। जिसमें आम जनता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। जिला प्रधान ने आम जनता से अपील की है कि अपने घर पर रहे। नेशनल हाईवे जाम हो चुका है।अगर ऊपर से किसान यूनियन का आदेश आया तो छोटी से छोटी सड़के भी बंद कर दी जाएगी। किसान नेता ने बताया कि यह आंदोलन अब लंबा चलेगा।
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.