Aaj Samaj (आज समाज), Road Accidents 2022 Report, नई दिल्ली: सरकारों के सख्त नियम और जागरूकता कार्यक्रमों के बावजूद देश में सड़क हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। पंजाब में एक बार फिर छह जिंदगियां एक बार फिर तेज रफ्तार की भेंट चढ़ गई हैं। संगरूर जिले में सुनाम के पास बुधवार देर रात तेल के एक टैंकर व एक ट्रक के बीच मारुति कार के पिसने से उसमें सवार एक बच्चे समेत 6 लोगों की मौत हो गई। इस बीच सड़क हादसों को लेकर सामने आई सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में प्रत्येक घंटे में 19 लोग सड़क हादसों का शिकार हो रहे हैं।
- पंजाब: टैंकर व ट्रक के बीच कार के पिसने से 6 लोगों की मौत
‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं-2022’ शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट
‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं-2022’ शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते वर्ष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) द्वारा कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 1,68,491 लोगों ने जान गंवाई और 4,43,366 लोग घायल हो गए। इस तरह पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 11.9 और मौतों में 9.4 फीसदी की वृद्धि हुई।
खड़े वाहन से टक्कर के मामलों में सबसे अधिक 22% वृद्धि
मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष देश में हर एक घंटे में 53 सड़क हादसे हुए और इस दौरान हर घंटे में 19 लोगों ने जान गंवाई। इन हादसों में सीट बेल्ट और हेलमेट का इस्तेमाल न करने वालों की संख्या सबसे अधिक रही। आंकड़ों के मुताबिक, खड़े वाहन से टक्कर के मामलों में सबसे अधिक 22 फीसदी की वृद्धि देखी गई। वहीं आमने-सामने टक्कर के मामलों में भले ही 2.1 फीसदी की वृद्धि देखी गई लेकिन यह एक्सीडेंट का दूसरा सबसे बड़ा प्रकार है।
दशक में 28 से 36 फीसदी हुए हादसे
सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता, प्रति 100 दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों की संख्या से मापी जाती है। पिछले एक दशक में इसमें तेजी से बढ़ोतरी हुई है। 2012 में इसकी संख्या 28.2 फीसदी थी जो 2022 में बढ़कर 36.5 फीसदी हो गई है, जिसमें हर साल लगातार वृद्धि हो रही है। हालांकि, 2020 और 2021 में कोविड-19 में देश में लागू किए गए लॉकडाउन के कारण सड़क दुर्घटनाओं और उनके कारण होने वाली मौतों में पूर्ण गिरावट दर्ज की गई क्योंकि यात्रा को लेकर बहुत सारे प्रतिबंध लागू थे, लेकिन गंभीर मामलों की दर बढ़ गई थी।
तमिलनाडु में हुए सबसे ज्यादा हादसे
देश में 2022 में सबसे अधिक हादसे 64,105 तमिलनाडु में हुए थे, जो कुल हादसों का 13.9 फीसदी है। दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है जहां 54,432 और उसके बाद तीसरे नंबर पर यूपी, जहां पिछले वर्ष 22,595 हादसे हुए। सड़क दुर्घटना डेटा के आयु-वार विश्लेषण से पता चलता है कि मरने वालों में से अधिकांश 18-45 आयु वर्ग (66.5 फीसदी) के थे। हालांकि, 2022 में सड़क दुर्घटनाओं के कारण 9,528 बच्चे भी मारे गए, जिसका मतलब है कि वर्ष के दौरान हर दिन लगभग 26 बच्चों की मौत हुई।
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