सूरत की Ritu Rathi ने लिया कश्मीर की बेटियों को पढ़ने का संकल्प, तिरंगा देकर की शुरुआत

0
501
Ritu Rathi of Surat took a pledge to Educate the Daughters of Kashmir

इंडिया न्यूज़, National News(अहमदाबाद): गुजरात की रहने वाली रितु राठी जो आज से एक साल पहले जम्मू-कश्मीर आयी थी। उन्होंने सैनिकों को राखी बांधी और उनके प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया। सैनिकों के साथ उनका भाई-बहन का रिश्ता जुड़ गया। बीते दिनों रितु को कुछ सेना के जवानों ने बताया कि जहां वे तैनात हैं, वहां के स्कूल की लड़कियां पढ़ नहीं पा रहीं। सेना उन्हें सुरक्षा तो दे रही है लेकिन कॉपी, किताबें, यूनिफॉर्म समेत अन्य सुविधाएं उन तक नहीं पहुंच पा रही है। रितु राठी इसके बाद तुरंत कश्मीर पहुंचीं और इस पूरे स्कूल को गोद ले लिया। अब यहां की बच्चियों की पढ़ाई का जिम्मा रितु राठी ने उठाया है। रितु ने स्कूल की बच्चियों को पढ़ाई के लिए स्कूल बैग, किताबें, कॉपी उपलब्ध कराई और साथ ही उन्होंने हर घर तिरंगा अभियान को प्रमोट करते हुए सभी बच्चियों को तिरंगा भी दिया।

रितु ने बताया कि वह गुजरात में एक-सोच एनजीओ चलाती हैं। उन्होंने फैसला किया है कि उनका एनजीओ गुजरात से एक वर्ष के लिए जम्मू और कश्मीर में स्थित एक स्कूल में पढ़ने वाली सभी लड़कियों के शैक्षिक खर्च उठाएगा। इस पहल के लिए भारतीय सेना की मानसबल राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट को महतवपूर्ण बताया जा रहा है क्योंकि उन्ही की मदद से बच्चिया स्कूल जाने लगी है। रितु ने सैनिकों के साथ रक्षाबंधन उत्सव भी मनाया।

सूरत में है एनजीओ

एक सोच एनजीओ की संस्थापिका समाज सेविका रितु ने बताया कि उन्होंने कश्मीर के इस स्कूल को खेल और विज्ञान उपकरण भी उपलब्ध करवाए है। उन्होंने बताया कि वह गुजरात और सूरत शहर के आदिवासी क्षेत्रों में विकलांग बच्चों और युवा महिलाओं की मदद का करए करती है। जिसके लिए उनका एक-सोच एनजीओ बहुत सक्रिय है। ट्रस्टी जयमिश बॉम्बेवाला और सुमिलन ग्रुप को गुजरात के बाहर अपने कार्यों का विस्तार करने के लिए सरस्वती सदैव मंगलम के रूप में नामित किया गया है।

शहीदों के बच्चों के लिए भी करती है मदद

यह परियोजना स्कूलों और विद्यार्थियों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए शुरू की गई थी। इसके साथ ही एनजीओ की पांच महिलाओं के एक दल ने लड़कियों और शिक्षकों को आत्मविश्वास और पढ़ने के लिए परामर्श सत्र भी आयोजित किया। ‘एक-सोच’ एनजीओ की टीम ने कश्मीर में दिव्यांग बच्चों के लिए चलने वाले एक स्कूल और शहीदों के बच्चों के एक स्कूल का दौरा भी किया और दोनों संस्थानों में भी एनजीओ के कार्यकर्ताओ ने अपनी तरफ से आर्थिक मदद भी की है।

‘370 हटने के बाद कश्मीर में हुआ विकास’

रितु राठी ने ये भी बताया कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से देश के अन्य क्षेत्रों के साथ जम्मू-कश्मीर में विकास जोरो से चल रहा है। एनजीओ की यह पहल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ मिशन का अनुकरण है। उन्होंने इससे प्रधानमंत्री के हर घर तिरंगा अभियान को भी कश्मीर तक फैलाने की कोशिश की है।

ये भी पढ़ें : कार्तिकेय शर्मा की जीत को लेकर समस्त ब्राह्मण समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री का किया धन्यवाद