- रितु गुलिया का पानीपत जीटी रोड से होते हुए गांव तक निकाला रोड शो
- बोलीं- भावुक था वो पल, जब मेरी कप्तानी में देश को गोल्ड मेडल मिला
Aaj Samaj (आज समाज),पानीपत: एशियन गेम्स में पानीपत की बहू रितु गुलिया की कप्तानी में भारतीय महिला कबड्डी टीम ने चीन में आयोजित एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया। जिसके बाद से ही हरियाणा ही नहीं, बल्कि हिमाचल में भी खुशी की लहर है। क्योंकि रितु हिमाचल की बेटी है, जिसकी शादी पानीपत के रहने वाले प्रो कबड्डी प्लेयर रोहित गुलिया के संग हुई थी। बुधवार को पानीपत लौटने पर रितु का भव्य स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वो पल बहुत ही भावुक था, जब उनकी कप्तानी में देश को गोल्ड मिला। इससे भी भावुक करने वाला पल वह था, जब वहां राष्ट्रगान बजा।
इस मेडल के लिए करीब 9 साल इंतजार किया
रितु गुलिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें इस कामयाबी पर काफी खुशी हो रही है क्योंकि उन्होंने इस मेडल के लिए करीब 9 साल इंतजार किया है। रितु गुलिया ने कहा कि देश का कबड्डी में 2014 में गोल्ड मेडल आया था और फिर 2018 में सिल्वर मेडल आया था जिसके बाद कड़ी मेहनत के चलते अब उन्हें 9 साल बाद गोल्ड मेडल हासिल करने में कामयाबी मिली है। रितु गुलिया ने कहा कि उन्हें अपने आप पर भरोसा था और यह कंफर्म था कि उन्हें मेडल जरूर मिलेगा लेकिन चीन टाइपे की टीम भी काफी अच्छी टीम थी जिसके चलते मुकाबले काफी कठिन था। उन्होंने कहा कि एक देश की टीम की कप्तानी करना एक बड़ी जिम्मेदारी होती है लेकिन हमारे कोच और हमारी टीम की मेहनत और सपोर्ट से सब आसान लगने लगता है और यही वजह है कि आज हमारी टीम स्वर्ण पदक लेकर भारत लौटी है।
अगला लक्ष्य नेशनल और इंटरनेशनल प्रतियोगिता में अपना सर्वोच्च प्रदर्शन करना
रितु गुलिया ने बताया कि अब उनका अगला लक्ष्य नेशनल और इंटरनेशनल जो भी प्रतियोगिता होगी उसमें अपना सर्वोच्च प्रदर्शन करना है। कबड्डी खिलाड़ी रितु गुलिया ने हरियाणा सरकार और उसकी खेल नीतियों की भी खूब सराहना की उन्होंने कहा कि पूरे देश में हरियाणा सरकार ही खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा कैश प्राइज देती है और जिसका परिणाम यही है कि आज देश में हरियाणा के सबसे ज्यादा 37 मेडल है। रितु गुलिया ने उन मां-बाप को भी संदेश दिया जो अपनी बेटियों को घर से निकलने के लिए रोकते हैं, उन्होंने कहा कि जिस तरीके से जीवन में पढ़ाई जरूरी है उसी तरीके से खेलकूद भी जरूरी है उन्होंने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले की रहने वाली है जिस तरीके से उन्हें हिमाचल में अपने परिवार का सपोर्ट मिला उसी तरीके से उन्हें ससुराल में भी उनके पति सास ससुर सबका सहयोग मिला यही वजह है कि आज वह इस प्लेटफार्म पर मौजूद हैं। रितु गुलिया ने कहा कि वह पिछले 16 सालों से कबड्डी की खिलाड़ी है।
रितु गुलिया अभी भारतीय रेलवे में कर रही है नौकरी
कबड्डी टीम की कप्तान रितु गुलिया अभी भारतीय रेलवे में नौकरी कर रही है। इससे पहले रितु 2011 में जूनियर महिला एशियन गेम्स में बतौर कप्तान भारत को गोल्ड मेडल दिला चुकी हैं। साल 2018 में जकार्ता में खेले गए एशियन गेम्स में बतौर रेडर खेलते हुए रजत पदक दिलाया। नेपाल में 2019 में खेली गई एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम में प्लेइंग-7 में रही। रितु ने कबड्डी का प्रशिक्षण बिलासपुर स्थित होस्टल से लिया। साल 2014 से वह प्रदेश से बाहर है और रेलवे की ओर से खेलती आ रही है।
पति भी कबड्डी प्लेयर है और रेलवे में नौकरी करते हैं
आपको बता दें कि रितु गुलिया के पति भी कबड्डी प्लेयर है और रेलवे में नौकरी करते हैं वहीं पर रितु गुलिया की उनके पति रोहित गुलिया से मुलाकात हुई थी। वहीं गोल्ड मेडल जीत कर लौटी रितु गुलिया ने बताया कि उनकी मुलाकात देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हुई है। उन्होंने मेडल जीतकर भारत लौटे सभी खिलाड़ियों से बातचीत की। वहीं उन्होंने कहा कि इस बार देश के खिलाड़ियों ने आज तक का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 107 मेडल हासिल किए हैं और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आने वाले समय में इससे भी ज्यादा मेडल जीतने की उम्मीद खिलाड़ियों से जताई है।
परिवार को महिलाओं का सपोर्ट करना चाहिए
वही रितु गुलिया के पति रोहित गुलिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देश के लिए खेलना और देश की टीम में खेलना गौरव की बात है उन्होंने कहा कि देश की टीम में खेलते हुए उसकी कप्तानी करना टीम को अच्छे तरीके से हैंडल करना और देश को गोल्ड मेडल जितवाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, जिससे आज पूरे जिले को और उनके परिवार को बेहद खुशी हो रही है। रोहित गुलिया ने कहा कि जो महिलाएं टैलेंटेड होती हैं, लेकिन उनके परिवार के लोग उन्हें बाहर नहीं भेजते हैं उनके लिए रोहित ने कहा कि परिवार को उन महिलाओं का सपोर्ट करना चाहिए, क्योंकि वह भी देश के लिए मेडल लेकर आ सकती हैं। रोहित गुलिया ने कहा कि उनके परिवार में महिलाओं के लिए हर प्रकार की फ्रीडम है वह अपनी बहन बेटियों को हर तरीके की छूट देते हैं, चाहे वह कुछ भी करना चाहे।