Right to Information (Amendment) Bill passed in Lok Sabha: लोकसभा में सूचना का अधिकार (संशोधन) बिल पास

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नई दिल्ली। लोकसभा में सूचना का अधिकार (संशोधन) बिल, 2019 पास पारित हो गया है। इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार को सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक 2019 किया। हालांकि, यह बिल लोकसभा में पास हो गया। कांग्रेस और टीएमसी के वॉकआउट के चलते बिल को नौ के मुकाबले 224 मतों से पेश करने की अनुमति दी गई। संशोधित बिल में कहा गया है मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्तों तथा राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एवं राज्य सूचना आयुक्तों के वेतन, भत्ते और सेवा के अन्य निबंधन एवं शर्ते केंद्र सरकार द्वारा तय किए जाएंगे। मूल कानून के अनुसार अभी मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों का वेतन मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं निर्वाचन आयुक्तों के बराबर है ।

क्या है यह विधेयक
– विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि आरटीआई अधिनियम की धारा 13 मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की पदावधि और सेवा शर्तो का उपबंध करती है ।
– इसमें उपबंध किया गया है कि मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों का वेतन, भत्ते और शर्ते क्रमश : मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के समान होगी। इसमें यह भी उपबंध किया गया है कि राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्तों का वेतन क्रमश : निर्वाचन आयुक्त और मुख्य सचिव के समान होगी।

– मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के वेतन एवं भत्ते एवं सेवा शर्ते सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बराबर है। ऐसे में मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्तों और राज्य मुख्य सूचना आयुक्त का वेतन भत्ता एवं सेवा शर्ते उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के समतुल्य हो जाते हैं।

– केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग, सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के उपबंधों के अधीन स्थापित कानूनी निकाय है। ऐसे में इनकी सेवा शर्तो को सुव्यवस्थित करने की जरूरत है। संशोधन विधेयक में यह उपबंध किया गया है कि मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों तथा राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एवं राज्य सूचना आयुक्तों के वेतन, भत्ते और सेवा के अन्य निबंधन एवं शर्ते केंद्र सरकार द्वारा तय होगी।