Mamta Govt To End Lady Doctor Duty, (आज समाज), नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने महिला डॉक्टरों की नाइट ड्यूटी खत्म करने के निर्णय पर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को फटकार लगाई है। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में लेडी ट्रेनी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि महिला डॉक्टरों को रात की ड्यूटी करने से नहीं रोक सकते। लेडी ट्रेनी डॉक्टर का 9 सितंबर को अस्पताल में शव मिला था।
सरकार का काम डॉक्टरों को सुरक्षा देना
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि बंगाल सरकार का पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल से पूछा, आप कैसे कह सकते हैं कि महिलाएं नाइट ड्यूटी नहीं कर सकतीं? पीठ ने कहा, उन्हें कोई रियायत नहीं चाहिए, सरकार का काम उन्हें सुरक्षा देना है।
कई प्रोफेशन में रात में ड्यूटी कर रही लेडी
जजों ने कहा, सेना व जैसे सभी प्रोफेशन में लेडी रात में ड्यूटी करती हैं। सुप्रीम कोर्ट से फटकार के बाद वकील कपिल सिब्बल ने बंगाल की ममता सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा कि राज्य सरकार महिला डॉक्टरों की ड्यूटी 12 घंटे तक सीमित करने और रात की ड्यूटी बैन करने वाले अपने फैसले को वापस ले लेगी।
कॉन्ट्रैक्ट पर सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति पर भी सवाल
शीर्ष कोर्ट ने अस्पतालों में डॉक्टरों व अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर निजी एजेंसियों के सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पर काम रहे लोगों को 7 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है और वे पूरे अस्पताल में घूमते हैं। कोर्ट ने पूछा इनके जरिए सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है।
विकिपीडिया को नाम और तस्वीर हटाने का आदेश
शीर्ष अदालत ने विकिपीडिया को मृत ट्रेनी महिला डॉक्टर का नाम और तस्वीर हटाने का भी इस दौरान आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि दुष्कर्म पीड़िता की पहचान का खुलासा नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई 24 सितंबर को अगली सुनवाई करेगा।
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