(Rewari News) रेवाड़ी। सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग हरियाणा के तत्वावधान में विश्व विख्यात जादूगर शंकर सम्राट के शो रेवाड़ी शहर स्थित बाल भवन में गुरुवार 4 जुलाई से शुरू होंगे। डीसी राहुल हुड्डा गुरूवार की दोपहर एक बजे मैजिक शो का शुभारंभ करेंगे जबकि सांयकालीन शो सांय 7 बजे एसपी गौरव राजपुरोहित मुख्यातिथि रहेंगे। 4 जुलाई से 7 जुलाई तक प्रतिदिन दो शो आयोजित किए जाएंगे, पहला शो दोपहर 1 बजे से व दूसरा शो शाम 7 बजे से शुरु होगा। जादू शो में एंट्री फ्री रहेगी।
जादूगर सम्राट शंकर जादूगरी से देंगे नशा मुक्ति, पर्यावरण संरक्षण व बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश
ये जानकारी जादूगर शंकर सम्राट शंकर ने बुधवार को जिला सचिवालय स्थित सभागार में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए दी। इस दौरान सम्राट शंकर ने कई जादूगरी की कला दिखाते हुए पत्रकार वार्ता में मौजूद लोगों को अचंभित कर दिया। जादूगर ने कागज मोडकऱ उसे असली के 500 रुपए के नोट में बदल डाला और उस 500 के नोट को रगडक़र 100-100 के नोटों की एक लड़ी बना दी। इस अवसर पर डीआईपीआरओ दिनेश कुमार भी मौजूद रहे।
जादूगर सम्राट शंकर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जादू केवल एक कला है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का ये बेहद सराहनीय कदम है कि वह सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग हरियाणा के सौजन्य से प्रदेश में जादूगरी के कार्यक्रम आयोजित करवा रही है। इस प्रकार के आयोजनों से जादू कला का प्रचार प्रसार होता है जिससे पीढ़ी दर पीढ़ी कला का विकास होता है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वरा किए गए लगभग 28000 शो में से 23000 शो मैंने चैरिटी के लिए किए हैं। देश पर आई आपदा जैसे फ्लड के लिए, गूंगे बच्चों के स्कूल की मदद के लिए, रेडक्रॉस के लिए या मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री रिलीफ फंड के लिए मैंने शो किए हैं। उन्होंने बताया कि उनके शो सामाजिक बुराईयों व पर्यावरण संरक्षण को प्रेरित करने वाले होते हैं। समाज सुधार को लेकर जादूगरी के काफी एपिसोड जोड़े गए हैं जो समाज सुधार का संदेश देते हैं। नशा की प्रवृति, जल बचाओ, पेड़ लगाओ, बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ आदि विषयों पर संदेशपरक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए बेहतर समाज के निर्माण का संदेश दिया जाएगा।
यूं बने जादूगर सम्राट शंकर :
जादूगर शंकर सम्राट का जन्म हरियाणा प्रदेश के सिरसा जिले के ऐलनाबाद गांव में हुआ। उन्होंने बताया कि जब वह 12 वर्ष के थे तो क्षेत्र में बंगाल के एक प्रसिद्ध जादूगर शो करने आए। उनके शो को देखकर उन्होंने भी जादूगर बनने की ठान ली और तब से जादूगरी करने के सफर का आगाज हुआ जो सालों से निरंतर चल रहा है। उन्होंने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने जादूगरी की कला भी सीखी। आखिर वर्ष 1974 में उन्होंने अपना स्वयं का पहला शो श्रीकरणपुर (राजस्थान) में किया और इसके बाद पीछे मुडक़र नहीं देखा। वे अपने जीवन में अब तक करीब 30 हजार से अधिक शो वह कर चुके हैं।
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