Rewari News : अहीरवाल में चला मनोहर व नायब की नीतियों का जादू : कापड़ीवास

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पूर्व विधायक रणधीर कापड़ीवास।
  • मनोहर लाल की बगैर पर्ची खर्ची पर लोगों ने खूब किया वोट
  • राव का इतना ही जनाधार होता तो मनपसंद सीट अटेली में बेटी को नहीं करना पड़ता जीत के लिए संघर्ष

(Rewari News) रेवाड़ी। रेवाड़ी से पूर्व विधायक भाजपा के वरिष्ठ नेता रणधीर सिंह कपड़ीवास ने गुरुग्राम सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह पर बड़ा जुबानी हमला किया है। कपड़ीवास ने बयान जारी कर कहा अहिरवाल इंद्रजीत सिंह की बपौती नहीं है। अहीरवाल की 11 में से 10 सीट जीतने के पीछे, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तथा मुख्यमंत्री नायब सैनी की नीतियां है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने अपने कार्यकाल के दौरान बगैर पर्ची खर्ची के नौकरियां दी, इसका सीधा लाभ आम आदमी को मिला।

कांग्रेस शासनकाल में जहां नौकरी बिकती थी, भाजपा शासन काल में बगैर पर्ची खर्ची के युवाओं को नौकरी मिली। सबसे ज्यादा इसका लाभ अहीरवाल के युवाओं को मिला। वही खट्टर ने दक्षिण हरियाणा में अंतिम टेल तक पानी पहुंचाने का काम किया, वहीं करप्शन पर काफी हद तक अंकुश लगाए जो कि आम लोगों को खूब रास आया। वहीं मुख्यमंत्री नायब सैनी के मिलनसार स्वभाव ने जनता का दिल जीतने का काम किया। इसी का परिणाम था कि अहीरवाल के लोगों ने दिल खोलकर भाजपा को वोट दिया और कांग्रेस का सफाया किया।

खट्टर पर राव इंद्रजीत का बयान निंदनीय 

कापड़ीवास ने कहा कि केंद्रीय मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर इंद्रजीत का बयान बेहद निंदनीय है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बांटने की बजाय पूरे प्रदेश को लोगों को जोडऩे का काम किया। राव इंद्रजीत सिंह द्वारा यह कहना कि खट्टर ने न नेता बनने का काम किया, इसमें गलत क्या है। क्या एक परिवार के लोग ही नेता बन सकते हैं। आम घरों के बच्चे को नेता बनने का अधिकार नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा एक हरियाणवी एक की नीति से सभी लोगों को आगे बढ़ाने का काम किया। उसी का परिणाम है कि हरियाणा के लोग आज बेहद खुश हैं। संगठन की मेहनत और अमित शाह जी की मैनेजमेंट ने हरियाणा का चुनाव बदल कर रख दिया। उन्होंने कहा कि इंद्रजीत के जानाधार की हकीकत इस विधानसभा चुनाव में सामने आ चुकी है। कथित राजा ने बेटी के लिए मनपसंद सीट अटेली को चुना, लेकिन यहां पर अंतिम राउंड तक वह जीत के लिए तरसते हुए दिखाई दिए। महज 2500 वोट से जितना इस बात का प्रमाण है कि यहां उनका कोई जन आधार नहीं है। अगर जन आधार होता तो बेटी के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नहीं बुलाना पड़ता।

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