Rewari News : मां वैष्णो देवी धाम के लिए निकला पदयात्रियों का जत्था पहुंचा रेवाड़ी

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The group of pilgrims set out for Maa Vaishno Devi Dham reached Rewari.
पदयात्रियों के जत्थे को रवाना करते मंदिर पुजारी व अन्य।

(Rewari News) रेवाड़ी। धार्मिक आस्था को बढ़ावा देने तथा सनातनी संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से मां वैष्णो देवी भक्त मंडल की ओर से राजस्थान के करोली स्थित लांगरा बुगडार से वैष्णो देवी के लिए रवाना हुई 12वीं पदयात्रा शुक्रवार को रेवाड़ी पहुंची। यहां स्थानीय आजाद चौक स्थित शिव मंदिर में यात्रा का जोरदार स्वागत किया गया।

पिछले 12 सालों से लांगरा बुगडार कारोली से चलकर वैष्णो देवी तक की करीब एक हजार किलोमीटर लंबी पदयात्रा में शामिल 85 पदयात्रियों का रेवाड़ी के आजाद चौक स्थित शिव मंदिर में पहुंचने पर मंदिर पुजारी पंडित सुमन भारद्वाज की अगुवाई में सियाराम, दीनदयाल व्यास, श्रीपथ व दिनेश शर्मा समेत अनेको श्रद्धालुओं ने जोरदार स्वागत किया। मंदिर में मौजूद श्रद्धालु महिलाओं ने संकीर्तन के माध्यम से सभी पदयात्रियों का अभिनंदन किया।

यात्रा की अगुवाई कर रहे शांतिलाल मीणा, चंद्रभान जंगम, रमेश चंद्र मीणा, राजकुमार, रामकिशन मीणा, मीठा मीणा व कमलेश कुमार गुप्ता आदि ने बताया कि 19 जुलाई को लांगरा बुगडार से प्रारंभ हुई यह यात्रा 14 अगस्त को मां वैष्णो धाम पहुंचकर संपन्न होगी। इस यात्रा में 6 साल से बच्चे से लेकर 65 साल तक के बुजुर्ग शामिल है। प्रारंभ में चंद भक्तों द्वारा प्रारंभ की गई इस यात्रा का कारवां प्रतिवर्ष बढ़ता चला गया। आज बिना किसी प्रचार-प्रसार के 85 यात्री इस लंबी एवं विशाल यात्रा में शामिल हो रहे हैं।

उन्होंने बताया कि लांगरा बुगडार से प्रारंभ हुई यात्रा कारोली, हिंडोन, महुआ, मंडावर, अलवर व किशनगढ़ होते हुए रेवाड़ी पहुंची है। यहां से झज्जर, रोहतक, जींद, पंजाब के खनोरी बार्डर, लुधियाना, पठानकोट, लखनपुर बार्डर नगरकोटा व कटरा होते हुए मां वैष्णो देवी के धाम तक की यात्रा पूरी करेगी।

इस यात्रा में श्रद्धालु एक दिन में 40 किलोमीटर तक की दूरी तय कर रहे हैं। तमाम जिला मुख्यालयों सहित विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालु भक्तों का सहयोग यात्रा को प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस ऊमस भरी गर्मी में बरसात, धूप व अन्य परेशानियों के बीच चल रही यह यात्रा किसी बड़ी तपस्या से कम नहीं है। इस यात्रा के माध्यम से वे लोगों के बीच पहुंचकर धार्मिक व आस्था को बढावा देने का संदेश भी दे रहे हैं। मंदिर में प्रसाद ग्रहण करने के उपरांत यात्रा सायं के समय झज्जर के लिए रवाना हो गई।