Rewari News : धू-धू कर जला असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशानन का पुतला

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The effigy of Ravana, a symbol of victory of truth over untruth, burnt to ashes
रेवाड़ी तथा बेरली में अधर्म का प्रतीक धू-धू कर जलता रावण का पुतला।
  • जिलेभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया विजयदशमी का पर्व
  • बेरली में 125 तथा रेवाड़ी में 101 फुट ऊंचे पुतले को किया गया दहन

(Rewari News) रेवाड़ी। अधर्म पर धर्म तथा असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक विजयदशमी का पर्व जिलेभर में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर बावल रोड़ स्थित हुडा मैदान में रावण के पुतलों के साथ-साथ शहर में विभिन्न स्थानों पर दशानन के पुतले का दहन किया गया। राम का तीर लगने के बाद रावण का पुतला धू-धू कर जल पड़ा। जिले के गांव बेरली में भी 125 फुट ऊंचे रावण के पुतले को आग के हवाले किया गया। इस मौके पर हलवाइयों पर जलेबी खरीदने वालों की जमकर भीड़ भी देखी गई।

असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक विजय दशमी का पर्व जिलेभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह के समय घरों में गाय के गोबर से कृतियां बनाई गई तथा श्रीराम की जयकार के साथ पूजन किया गया। पूजा के दौरान जौ की पौध को कानों पर लगाकर बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया गया।

दशहरा पर्व का मुख्य आयोजन जिला सचिवालय के पीछे हुडा मैदान में आयोजित किया गया। यहां अलग-अलग रामलीला कमेटियों के रावण के पुतले बनाए गए। सायं के समय रामलीला के कलाकार शहरभर में जोरदार झांकियां निकालते हुए हुडा मैदान पहुंचे। रास्ते में राम व रावण के बीच लगातार युद्ध भी चलता रहा। गाजे-बाजे के साथ निकाली गई शोभा यात्रा को देखने के लिए शहरवासियों का हुजूम उमड़ पड़ा।

हुडा मैदान में काफी देर तक युद्ध के उपरांत श्रीराम ने रावण के पुतले पर तीर चलाकर आग के हवाले कर दिया। तेज पटाखों की गूंज के साथ दशानन का पुतला धू-धू तक जल गया। अधर्म के प्रतीक रावण के पुतले का दहन देखने को लेकर भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल के साथ-साथ फायर ब्रिगेड व एम्बुलेंस वाहन भी मौके पर मौजूद रहे। मुख्य आयोजन के साथ-साथ शहर के अनेकों मौहल्लों में श्रद्धालुओं की ओर से रावण का पुतला बनाया गया तथा सार्वजनिक रूप से पूजा-अर्चना के बाद पुतले का दहन किया गया।

वहीं, शहर के मौहल्ला मिया वाली पंचायत, कुतुबपुर व सैयद सराय सहित शहर के अनेक मौहल्वासियों व युवाओं के सहयोग से रावण के पुतले का दहन किया गया व प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम के आयोजन में मौहल्ले के अनेकों युवाओं ने सहयोग प्रदान किया।

दशहरे पर प्रसाद के रूप में जलेबी खाने व वितरित करने का प्रथा पुराने समय से चली आ रही है। जिसके चलते शहर में तमाम हलवाइयों की दुकानों पर जलेबी खरीदने वालो की भीड़ लगी रही। हलवाइयों की ओर से भी अपने प्रतिष्ठानों के बाहर जलेबी बेचने की विशेष व्यवस्था की हुई थी।

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