(Rewari News) रेवाड़ी। मीरपुर स्थित इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के योग विभाग द्वारा आयोजित साप्ताहिक राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन विशेषज्ञ के रूप में श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली के सहायक प्राध्यापक डॉ. रमेश कुमार ने विद्यार्थियों को प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व और उपयोगिता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी।
उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवनशैली में लोग अपने काम, परिवार और सामाजिक जीवन के बीच संतुलन बनाने में असमर्थ हो रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य संबंधित नई समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा को एक ऐसी सशक्त विधि बताया, जो शरीर की प्राकृतिक शक्तियों को बढ़ावा देती है और रोगों को ठीक करने के लिए प्रकृति के संसाधनों का उपयोग करती है।
डॉ. कुमार ने बताया कि यह केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में ही नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को भी संतुलित करने का एक प्रभावी उपाय है। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए डॉ. मुकेश ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा आज के समय की एक आवश्यकता बन चुकी है, क्योंकि यह न केवल शरीर को सशक्त बनाती है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारती है।प्रोफेसर एन.पी. गिरी ने आए हुए मुख्य वक्ता का स्वागत किया और कार्यशाला को-ऑर्डिनेटर डॉ. जयपाल सिंह राजपूत ने डॉ. रमेश कुमार को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमनदीप द्वारा किया गया। इस दौरान योग शिक्षक अमित कुमार भी मौजूद रहे।