- वफादार की ‘वफादारी’ पर संदेह
(Rewari News) रेवाड़ी। भाजपा में टिकट को लेकर जोरदार बवाल मचा हुआ है। इस समय सभी की निगाहें अहीरवाल के दिग्गज नेता व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के ऊपर लगी हुई है। पिछले दो-तीन दिन से लगातार देखा जा रहा है कि राव इंद्रजीत सिंह टिकट के लिए अपने खास समर्थकों के नाम आगे बढ़ा रहे हैं तो इसके साथ-साथ कुछ खास समर्थकों के नाम पर विरोध जताने की चर्चाएं भी सामने आती रही है।
कहा जा रहा है की पहले जहां राव इंद्रजीत सिंह एक समर्थक के लिए ही टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन धीरे-धीरे उनकी मांग बढ़ती चली गई। अब राव इंद्रजीत सिंह एक टिकट नहीं बल्कि दक्षिणी हरियाणा की आधा दर्जन से अधिक सीटों पर अपने समर्थकों को टिकट देने का दबाव पार्टी पर बना रहे हैं। लोकसभा चुनाव का परिणाम फिफ्टी-फिफ्टी रहने के बाद पार्टी के पास उनकी बात मानने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। अगर सूत्रों की माने तो कोसली विधानसभा से पिछले काफी दिनों से राव इंद्रजीत सिंह के सहायक रहे रवि यादव उर्फ बाबूजी लगातार जनसंपर्क अभियान में जुटे हुए थे। जिस तरह से वह चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे तो सभी यह मानकर कर चल रहे थे कि राव का आशीर्वाद इस बार बाबूजी को अवश्य मिलेगा और राव उनकी टिकट को लेकर पार्टी से लड़ जायेंगे, लेकिन वफादार की वफादारी पर राव ने संदेह जताते हुए बाबूजी का नाम आगे नहीं बढ़ाकर अनिल डहीना का नाम टिकट के लिए आगे बढ़ा दिया। सूत्रों के अनुसार अब जो पैनल तैयार गया है उसमें विधायक लक्ष्मण सिंह यादव, आरती राव व अनिल डहिना का नाम शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि राव के इस कदम से बाबूजी को भारी झटका लगा है। बाबूजी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके नाम को दरकिनार कर राव डहिना के नाम को आगे बढ़ाएंगे। बताया जाता है कि इसकी पटकथा तो गत विधानसभा चुनाव के बाद से ही लिखीं जानी शुरू हो गई थी। कहा जाता है कि गत विधानसभा चुनाव में बाबूजी की भूमिका को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए थे तभी से वफादार की वफादारी पर संदेह होने लगा था। कुल मिलाकर राव इंदरजीत सिंह ने कई वर्षों से वफादार रहे वफादार को वफादारी का इनाम नहीं दिया।
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