(Rewari News) रेवाड़ी। जिला पुलिस की ओर से आमजन को तीन नए कानूनों की जानकारी देने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत प्रत्येक थाना व चौकी में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है।
दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट के मामलों में दो माह के भीतर पूरी करनी होगी जांच
पुलिस अधीक्षक गौरव राजपुरोहित ने कहा कि 1 जुलाई 2024 से देश में तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं। नए कानूनों बारे सभी अनुसंधानकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है और पुलिस इसके तहत कार्यवाही करने के लिए तैयार है।
पुलिस विभाग की ओर से आमजन को तीन नए कानूनों की जानकारी देने के लिए चलाया जा रहा अभियान जारी
उन्होंने बताया कि नए कानून में संगठित अपराध पर विशेष प्रावधान है। संगठित गैंग, सिंडिकेट चलाने वाले गिरोह के आरोपियों द्वारा अपराध कर काली कमाई से अर्जित की संपत्ति को अटैच करने के प्रावधान बारे विशेष रूप से दिया गया। अब जांच अधिकारी पुलिस अधीक्षक के माध्यम से न्यायालय में अपील कर आरोपियों की इस प्रकार से अर्जित की संपत्ति अटैच करवा सकेगा।
क्या होगा तीन नए आपराधिक कानूनों से :
उन्होंने बताया कि एफआईआर दर्ज करने के बाद पीडि़त को मुकदमे की प्रगति बारे एसएमएस या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों द्वारा 90 दिनों के अंदर-अंदर जानकारी प्रदान की जाएगी। नए कानूनों के लागू होने पर ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिक से अधिक तीन साल में देना होगा। महिला विरुद्ध अपराध से संबंधित मामलों में 60 दिन के अंदर-अंदर जांच पूरी कर न्यायालय में चालान पेश करना होगा। दोषी द्वारा चालान की प्रति प्राप्त करने उपरांत 60 दिन के अंदर-अंदर न्यायालय में चार्जशीट करना अनिवार्य होगा। नए कानून के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक माध्यम-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही रिकॉर्ड की जा सकेगी। मुकदमे में बहस-दलीलें पूर्ण होने के बाद न्यायालय द्वारा 30 दिन में फैसला देना अनिवार्य होगा व जिससे अधिकतम 45 दिनों की अवधि तक बढ़ाया जा सकता है। अन्य संगीन मामलों में 90 दिन में जांच पूरी कर चालान पेश करना होगा। नए कानून लागू होने पर पुलिस संगीन मामलों में 60 दिन के अंदर अंदर दोबारा से रिमांड ले सकती हैं। संगठित अपराध जो बार बार अपराध करते हैं, ऐसे मामलों में अब कठोर सजा फांसी, उम्रकैद के साथ साथ कम से कम 10 लाख रुपये जुर्माना होगा। संगीन मामलों में पुलिस अब आरोपियों को हथकड़ी लगाकर भी न्यायालय में पेश कर सकती हैं। गरीब की जायदाद पर जो कब्जा करते हैं, उन पर भी इसमें समयबद्ध कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। नए कानून में छोटे अपराध जिनमें 3 वर्ष से कम की सजा है, उनमें आरोपित यदि 60 वर्ष से अधिक आयु का है तो उसकी गिरफ्तारी के लिए उप पुलिस अधीक्षक या उससे वरिष्ठ अधिकारी की अनुमति लेना अनिवार्य है। गंभीर अपराध की सूचना पर घटनास्थल पर बिना विचार करें शून्य एफआईआर दर्ज होगी। उन्होंने बताया कि दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट के मामलों में जांच दो माह के भीतर पूरी करनी होगी। नए कानून के तहत पीडि़त को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार होगा। इसके अलावा तलाशी अथवा जब्ती की प्रक्रिया के दौरान वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य होगा।
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