- प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को सौंपा मांगों का ज्ञापन
(Rewari News) रेवाड़ी। वक्फ कानून के विरोध की आड़ में संपूर्ण बंगाल में की जा रही हिंसा तथा हिंदुओं पर किए जा रहे अत्याचारों के विरोध में विश्व हिंदु परिषद के बैनर तले विभिन्न हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने रेवाड़ी में प्रदर्शन किया तथा राष्ट्रपति के नाम एसडीएम सुरेंद्र सिंह को मांगों का ज्ञापन भी सौंपा।विश्व हिन्दू परिषद के जिला अध्यक्ष राधेश्याम मित्तल ने कहा कि हिंसा की आग में बंगाल को जलाया जा रहा है। हिंदुओं को प्रताडि़त किया जा रहा है। हिन्दू वहां से पलायन करने को मजबूर है। जिहादियों को दंगा करने की खुली छूट दी जा रही है। उससे स्पष्ट है कि बंगाल में हिन्दुओ की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है।
दर्जनों महिलाओं के शीलभंग भी किए गए, परिणाम स्वरूप 500 से अधिक हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा
उन्होंने कहा कि एक विशेष समुदाय के लोगों द्वारा 11 अप्रैल, 2025 को वक्फ कानून के विरोध के नाम पर किया गया हिंसक प्रदर्शन कानून बनाने वाली सरकार के विरोध में नहीं अपितु हिंदुओं पर हिंसक आक्रमण के रूप में था। इसका स्पष्ट अर्थ है कि वक्फ तो केवल बहाना था, असली उद्देश्य मुर्शिदाबाद को हिंदू शून्य बनाना था। इस उन्मादी जिहादी भीड़ ने हिंदुओं के सैंकड़ों से अधिक घरों और व्यावसायिक दुकानों को लूटकर जलाया। सैकड़ो हिंदुओं को बुरी तरह घायल किया व अनेको नागरिकों की निर्मम हत्या की गई। दर्जनों महिलाओं के शीलभंग भी किए गए। परिणाम स्वरूप 500 से अधिक हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा।
प्रदर्शन उपरांत राष्ट्रपति के नाम मांगों का ज्ञापन एसडीएम सुरेंद्र सिंह को सौंपा गया
जिला मंत्री राजकुमार यादव ने बताया कि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी अब शरणार्थियों को सुविधा देने की जगह उनको वापस जेहादियों के सामने जबरन परोसने का षड्यंत्र कर रही है। बंगाल की स्थिति से यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आ चुकी है। बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को निर्बाध रूप से आने दिया जा रहा है। उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। पाकिस्तानी तथा बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की सक्रियता बढ़ती जा रही है। प्रदर्शन उपरांत राष्ट्रपति के नाम मांगों का ज्ञापन एसडीएम सुरेंद्र सिंह को सौंपा गया।
राष्ट्रपति के नाम सौंपे गए ज्ञापन में बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लगाए जाने, बंगाल की हिंसा की जांच सीबीआई के द्वारा करवाई जाए और दोषियों को अविलंब दंडित करने, बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में दिए जाने तथा बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित किया जाए। बंगाल व बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर तार लगाने का काम अविलंब प्रारंभ किए जाने की मांग की गई। इस मौके पर अनेक हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता व गणमान्य लोगों को उपस्थित रही।