(Rewari News) रेवाड़ी। बेटों की तरह बेटियों की शादियों में भी अब जमकर खुशियां मनाई जा रही है। बीती रात्रि बेटी की शादी में अनूठी पहल देखने को मिली। बेटी को घोड़ी पर बैठाकर बनवारा निकालकर बेटा-बेटी एक समान होने का संदेश दिया गया। इस अवसर परिवार की महिलाओं द्वारा मंगल गीत गाते एवं नाचते हुए जमकर खुशी व्यक्त की गई।
जानकारी के अनुसार शहर के झज्जर चौक के निकट रहने वाले मोती देवी एवं स्व. नारायण दत्त जांगिड़ की पौत्री की शादी समारोह की परम्पराओं में बेटी गौरी का बनवारा घोड़ी पर निकाल कर सामाज को एक सार्थक संदेश दिया गया। इस अवसर पर घोड़ी बग्गी व ढोल की थाप पर परिवार के सदस्यों के साथ नाच गाकर बनवारा निकाला।
परिवारजनों के अनुसार गौरी की शादी 7 दिसंबर को होनी है। इससे पूर्व नरेश कुमार जांगिड़ तथा ललिता देवी ने बेटा-बेटी की समानता को व्यावहारिक स्वरुप प्रदान करते हुए अपनी बेटी गौरी का घोड़ी पर बनवारा निकाल शादी को यादगार बनाया। परिवार की महिलाओं ने डीजे-ढोल पर नाचते-गाते हुए बनवारे में भाग लिया। स्थानीय निवासियों ने बेटी के शादी में घोड़ी पर बनवारा निकालने की पहल की सराहना की।
7 दिसंबर को दुल्हन बनने जा रही गौरी जांगिड़ ने बताया कि उनके पारिवारिक वातावरण में सदा से ही बेटा बेटी समान समझे जाते हैं। रूढ़िवादी परंपराओं के इतर किसी लडक़ी की शादी में घोड़ी पर बनवारा निकाले जाने पर वह बहुत खुश है। गौरी के दादा बाबूलाल शर्मा ने कहा कि बदलते परिदृश्य तथा शिक्षा प्रसार की बदौलत अब रूढ़िवादी धारणाएं और परंपराएं अब समाप्त होने लगी हैं। इस दौरान ताऊ नवीन जांगिड एवं ताई मंजू जांगिड समेत सभी परिवारजन व रिश्तेदार मौजूद रहे।
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