- पिता से भी कहीं अधिक सूझबूझ दिखा आगे बढ़ रहे रेवाड़ी विधायक
- सडक़ से लेकर विधान सभा तक उठाई आवाज, पिता के अनुभव का उठाया पूरा लाभ .
(Rewari News ) रेवाड़ी। रेवाड़ी विधानसभा से कांग्रेस की टिकट पर लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ रहे चिरंजीव राव ने विधायक रहते आम जनता से जुड़े मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया। सडक़ से लेकर विधानसभा तक में उनकी आवाज हमेशा गूंजती रही। चिरंजीव राव ने अपना पहला चुनाव वर्ष 2019 में लड़ा और पहले ही चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई। अगर उनके पिछले पांच वर्षों की रिपोर्ट कार्ड को देखा जाए तो कहीं से भी यह नहीं लगा कि चिरंजीव राव पहली बार विधायक बने है। पिछले पांच वर्षों में उन्होंने एक परिपक्व राजनीतिज्ञ होने का परिचय दिया है। पार्टी को लेकर भी उन्होंने कभी असहज होने वाले बयान नहीं दिए। इसके साथ-साथ विपक्ष में रहकर आम जनता से जुड़े छोटे-बड़े मुद्दों को लेकर वह हमेशा रेवाड़ी की जनता के बीच रहे। धरना-प्रदर्शन से लेकर विधानसभा तक में रेवाड़ी की समस्याओं को लेकर उनकी आवाज हमेशा गूंजती रही।
अपने पिता की तरह आम जनता के बीच रहकर उनकी आवाज उठाई
जनहित के मुद्दे उठाकर वह हमेशा सुर्खियों में रहे। चिरंजीव राव कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व रेवाड़ी विधानसभा से लगातार छह बार विधायक रह चुके कैप्टन अजय सिंह यादव के पुत्र हैं। चिरंजीव राव ने कभी भी ऐसी रूम में बैठकर राजनीति नहीं की बल्कि उन्होंने अपने पिता की तरह आम जनता के बीच रहकर उनकी आवाज उठाई। शहर में जल भराव, बेसहारा पशुओं का मुद्दा हो या फिर रेवाड़ी विधानसभा में टूटी सडक़ों का मसला हो, उन्होंने हमेशा प्रत्येक मुद्दों को प्रमुखता से विधानसभा में उठाया। दिल्ली रोड पर तो टूटी सडक़ को लेकर चिरंजीव राव बीच सडक़ पर ही धरने पर ही बैठ गए थे। ऐसे में सरकार की काफी किरकरी भी हुई थी। इतना ही नहीं बदलती प्रदेश की राजनीति में भी उन्होंने पूरी तरह से परिपक्वता का परिचय दिया। जहां उनके पिता कैप्टन अजय सिंह यादव पर बार-बार स्टैंड बदलने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन चिरंजीव राव ने एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखा। कांग्रेस की गुटबाजी में कभी भी अपने आप को शिकार नहीं होने दिया। राव ने पूरे 5 वर्ष हमेशा बैलेंस बनाकर राजनीति की है। बीते 5 वर्षों में वह किसी भी कांग्रेस नेता के धड़े में शामिल नहीं हुए। वह बार-बार कहते हुए नजर आते हैं कि जो भी कांग्रेस का बड़ा नेता रेवाड़ी में किसी कार्यक्रम में आता है तो वह उनका पुरजोर स्वागत करेंगे लेकिन धड़ेबंदी में नहीं पड़ेंगे।
चिरंजीव राव एक बार फिर से चुनाव मैदान में है। जनता के बीच अपना रिपोर्ट कार्ड रख रहे हैं और बता रहे हैं कि उन्होंने विपक्ष में रहकर उनकी आवाज को हमेशा उठाया। केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत सिंह व कैप्टन अजय सिंह यादव ने अपने राजनीतिक वारिस की करीब-करीब एक साथ लांचिंग की थी लेकिन यहां कैप्टन अजय सिंह राव इंद्रजीत सिंह पर भारी पड़ गए। कैप्टन ने अपने पुत्र को पहली बार में ही विधायक बनवा दिया तो राव अभी तक आरती राव की लॉन्चिंग तक भी नहीं कर पाए हैं। कुल मिलाकर चिरंजीव राव ने पिता से भी ज्यादा परिपक्व राजनीति की है।
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