Rewari News : नई शिक्षा नीति के तहत अध्यापक का क्षमता वर्धन नितांत महत्वपूर्ण

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Capacity building of teachers is extremely important under the new education policy
  • डाइट हुसैनपुर में चल रहे तीन विषयों के पंच दिवसीय क्षमता वर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम के तीसरे चरण का हुआ समापन

(Rewari News) रेवाड़ी। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद हरियाणा, गुरुग्राम के तत्वाधान में हुसैनपुर स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में चल रहे संस्कृत, जीव विज्ञान व ज्योग्राफी के पांच दिवसीय क्षमता वर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम के तृतीय चरण का समापन हो गया। जिसमें 152 प्रशिक्षुकों ने भाग लिया।

समापन अवसर पर प्रशिक्षुकों को संबोधित करते हुए प्राचार्य सुभाष चंद्र ने कहा कि छात्रों की शैक्षिक संरचनाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए नई शिक्षा नीति के तहत अध्यापक का क्षमता वर्धन नितांत महत्वपूर्ण है। ट्रेनिंग विंग के प्रभारी डॉ बीर सिंह ने बताया कि क्षमता वर्धन पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी विषयों के प्राध्यापकों का विभिन्न चरणों में करवाएं जा रहें है। प्रथम चरण में भौतिक विज्ञान से 52, इतिहास से 65 व कॉमर्स से 36 कुल 153 व द्वितीय चरण में राजनीतिक विज्ञान के 71, रसायन विज्ञान के 72, हिंदी के 112 कुल 255 प्रशिक्षुकों ने भाग लिया। अब तक कुल नौ विषयों के 560 प्राध्यापकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है ।

इस प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुकों को विषय से संबंधित प्रशिक्षक पोर्टल पर प्री टेस्ट, क्विज, एक्टिविटी, पोस्ट टेस्ट, फीडबैक, उपस्थिति आदि सभी प्रक्रियाओं से गुजरने पर ऑनलाइन सर्टिफिकेट प्राप्त होगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एससीईआरटी द्वारा प्रशिक्षित अपने-अपने विषय में पारंगत इन मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जियोग्राफी विषय के मास्टर ट्रेनर राजेश कुमार, अमृत सिंह, बायोलॉजी विषय के मास्टर ट्रेनर सीमा यादव, तीक्षा रानी, अर्चना, संस्कृत विषय के मास्टर ट्रेनर डॉ जगदीश प्रसाद, डॉ सोम लेखा, सुरेश कुमार, वजीर सिंह, रमेश कुमार, व टेकचंद ने ट्रेनिंग दी।

एससीईआरटी से निरीक्षण टीम के सदस्यों के तौर तौर पर आए हुए डॉ मधूप कुमार व अश्वनी कुमार ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति – 2020 के तहत इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य 21वीं सदी के कौशलों की जानकारी, टीचिंग लर्निंग मेथड की नवीन तकनीकियों की जानकारी देना है, जिससे बच्चा बिना किसी मानसिक दबाव से पढ़ाई कर सके। प्रशिक्षण को सफल बनाने के लिए डॉ विजय सिंह, प्राध्यापक अशोक कुमार, दीपक कुमार, डॉ संगीता, निरेन पाल, सत्यपाल, हवा सिंह, राज सिंह, संजीव कुमार, यशपाल, निशा, विवेक व इन्द्र ने सहयोग किया।

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