- लक्ष्य निर्धारण के साथ कार्यदायी संस्थाओं को सख्त निर्देश
- परिसर तक पंहुचने के लिए रेलवे ट्रैक पर आरओबी का प्रस्ताव
- उच्चाधिकारियों ने किया निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण
(Rewari News) रेवाड़ी। जिले के गांव माजरा में निर्माणाधीन देश के 22वें एम्स में जन स्वास्थ्य की दृष्टि से अस्पताल सेवाओं को शीघ्र शुरू करने के लिए अधिकारियों ने कमर कस ली है। उच्चाधिकारियों ने इस मामले में निर्माणाधीन एम्स परिसर का निरीक्षण कर सभी कार्यों की समीक्षा की और निर्णय लिया कि सडक़ मार्ग के बीच से गुजर रही रेलवे लाईन पर ओवरब्रिज बनवाने के लिए शीघ्र ही रेलवे के अधिकारियों से वार्ता की जायेगी।जिले के गांव माजरा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। लेकिन यहां तक पंहुचने के लिए एप्रोच मार्ग के मध्य से रेलवे लाईन गुजर रही है।
उपायुक्त अभिषेक मीणा ने अस्पताल सेवाओं को शीघ्र शुरू करने के लिए प्राथमिकताएं तय करते हुए सभी आवश्यक कार्यों में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए
एम्स के शुरू हो जाने की स्थिति में अस्पताल पंहुचने वाले आम लोगों के लिए यह रेलवे ट्रैक बाधा बन सकता है। इस मामले में एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह और उप निदेशक (एम्स प्रशासन) ले. कर्नल अमित पराशर सहित उच्चाधिकारियों ने एम्स परिसर का निरीक्षण कर विभिन्न स्थानों पर चल रहे निर्माण कार्यों की स्थलीय समीक्षा की और विस्तृत जानकारी हासिल की। निरीक्षण के बाद संस्थान भवन में कार्य प्रगति समीक्षा बैठक के दौरान एम्स के अधिकारियों सहित रेवाड़ी के उपायुक्त अभिषेक मीणा ने अस्पताल सेवाओं को शीघ्र शुरू करने के लिए प्राथमिकताएं तय करते हुए सभी आवश्यक कार्यों में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को भौतिक और तकनीकी कार्यों को युद्ध स्तर पर चलाने को कहा।
एम्स के अधिकारियों ने शीघ्र ही हरियाणा के मुख्य सचिव से वार्ता प्रस्तावित की है।
एम्स के उप निदेशक ले. कर्नल अमित पराशर ने बताया कि अस्पताल भवन का कार्य हांलाकि अभी शुरूआती चरण में है लेकिन कार्यदायी संस्थाओं से स्पष्ट कह दिया गया है कि बिल्डिंग निर्माण में उपयोग किए जा रहे संसाधनों सहित मेन पावर में व्यापक बढ़ोतरी कर निर्माण कार्य को युद्ध स्तर पर संचालित किया जाए। उन्होंने बताया कि इस मामले में निर्माण कार्य में लगी कंपनियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गयी है। कार्य में विलंब होने की स्थिति में अब उन्हें किसी भी प्रकार का अतिरिक्त एक्सटेंशन नहीं दिया जायेगा। इस दौरान संस्थान में बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के अलावा सडक़ मार्ग और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के विषय पर भी चर्चा की गई। इस सम्बंध में एम्स के अधिकारियों ने शीघ्र ही हरियाणा के मुख्य सचिव से वार्ता प्रस्तावित की है।
बता दें कि निर्माणाधीन एम्स परिसर में कई स्थानों पर विद्युत पोल भी खड़े हैं। जिनकी वजह से निर्माण कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। ऐसे सभी पोलों को हटवाने के लिए भी संबन्धित को कार्रवाई करने को कहा गया है। एम्स के उप निदेशक प्रशासन ने बताया कि कार्यदायी संस्थाओं को लक्ष्य दिया गया है कि पहले चरण में अस्पताल भवन और आवासीय भवनों का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाय, ताकि अस्पताल सेवाओं को जल्दी शुरू किया जा सके। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता बनाए रखने हेेतु विशेष गंभीरता बरतने के निर्देश दिए।
इस दौरान निर्माण कार्य से संबन्धित कार्यदायी संस्था एचआईटीईएस (हाईट्स) के डीजीएम रोहित कुमार, एस मजूमदार और एलएण्डटी के प्रोजेक्ट मैनेजर ज्ञानप्रकाश सहित दोनों कार्यदायी संस्थाओं व कई अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
वहीं, एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि अस्पताल सेवाओं को शीघ्र शुरू करना हमारी पहली प्राथमिकता है। इसके लिए अधिकारियों सहित निर्माण कार्यों में लगी कार्यदायी संस्थाओं की जिम्मेदारी तय कर दी गयी है। विजिट के दौरान निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही एम्स निर्माण में तेजी लाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यों की समीक्षा भी की गयी। बिजली-पानी की आपूर्ति जैसी कुछ व्यवहारिक समस्याएं हैं। संबन्धित अधिकारियों के साथ वार्ता कर शीघ्र ही इन समस्याओं का समाधान कर दिया जायेगा।