असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने जारी एनआरसी की आंकड़ों को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के आंकड़े पर हम पूरी तरह भरोसा नहीं कर पा रहे। उन्होंने कहा कि आंकड़ा 19 लाख से ज्यादा होना चाहिए। हमें लगा था कि दोबारा वैरिफिकेशन होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की सीमा से लगे इलाकों में रिवैरिफिकेशन होना चाहिए। हम सुप्रीम कोर्ट में अपनी मांग रखना जारी रखेंगे। बांगलादेश की सीमा से लगे इलाकों में 20 फीसदी जबकि बाकी इलाकों में 10 फीसदी रि-वैरिफिकेशन हो। हमारे पास इसके पुख्ता सबूत हैं कि आंकड़ों से छेड़छाड़ हुई है। सरमा ने ट्वीट किया, ‘एनआरसी में कई ऐसे भारतीय नागरिकों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं जो 1971 से पहले शरणार्थियों के रूप में बांग्लादेश से आए थे क्योंकि प्राधिकारियों ने शरणार्थी प्रमाण पत्र स्वीकार करने इनकार कर दिया। दोनों सरकारों ने खासकर बांग्लादेश की सीमा से लगे जिलों में एनआरसी में गलत तरीके से शामिल नाम और बाहर किए गए नाम का पता लगाने के लिए नमूनों का फिर से सत्यापन को लेकर न्यायालय से दो बार अपील की थी।