प्रभावित का आरोप डीए की रिपोर्ट पहुंचने के बाद भी मंडल आयुक्त इंसाफ देने के लिए तैयार नहीं Revealed in RTI
आरटीआई में हुआ खुलासा, 25 मार्च को जिला अटार्नी ने भेज दी है मंडल आयुक्त को रिपोर्ट, रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा कि निगम एक्ट के अनुसार किया जाना चाहिए निष्कासित
आज समाज डिजिटल,अंबाला:
Revealed in RTI: अंबाला नगर निगम में डिप्टी मेयर व सीनियर डिप्टी मेयर की वोटिंग की तारीख बेशक निर्धारित न हुई हो, लेकिन सत्तापक्ष के लोग डिप्टी मेयर व सीनियर डिप्टी मेयर के पद पर अपनी पार्टी के नेताओं को बिठाने के लिए कानून का भी मजाक बनाने से पीछे नहीं हैं। हालात यह है कि सत्तापक्ष के लोगों के दबाव में आकर मंडल आयुक्त डीए की रिपोर्ट आने के बाद भी अरुण हत्याकांड(Arun Murder) की आरोपी पार्षद रूबी सौदा(Ruby Sauda) का लाभ पहुंचाने के लिए अभी तक अपना आॅर्डर रोककर बैठी हैं। चर्चाओं की बात करें तो मंडल आयुक्त सत्तापक्ष के लोगों के दबाव में हैं और यह बात उस दिन जगजाहिर हो गई थी जब रूबी सौदा सुनवाई के लिए मंडल आयुक्त के आफिस में पहुंची तो उनके साथ भाजपा के मनोनीत पार्षद संदीप सचदेवा साथ रहे। फिलहाल प्रभावित ने आरोप लगाया कि अब उनका कानून से विश्वास उठा गया है और उसे लगता है कि अरुण के हत्या आरोपियों को जब सत्ता में बैठे लोग बचा रहे हैं तो उन्हें कभी इंसाफ नही मिल सकता।
शहर में चर्चा, सत्तापक्ष के लोगों के प्रभाव मंडल आयुक्त, इसी कारण नहीं सुनाया जा रहा फैसला Revealed in RTI
अरुण के भाई दीपक ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह भी मंडल आयुक्त आफिस में जाते हैं तो उन्हें जवाब दिया जाता था कि अभी तक जिला अटार्नी की रिपोर्ट नहीं है और उसके बाद अरुण हत्याकांड में आरोपी रुबी सौदा की सदस्यता को लेकर फैसला किया जाएगा। मामले में दीपक ने आरटीआई का सहारा लिया और जिला अटार्नी से भेजी गई राय की कॉपी मांगी, जिसके बाद यह स्पष्ट हो गया कि डीए यह मंडल आयुक्त को रिपोर्ट 25 मार्च 2022 को भेज दी थी, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी मंडल आयुक्त ने अपना आर्डर नहीं सुनाया। वहीं दूसरी तरफ दीपक ने आरोप लगाया कि डीए ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कर दिया है कि रूबी सौदा की निगम सदस्यता समाप्त होना जरूरी है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि मंडल आयुक्त रेणु फुलिया भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दबाव में जिला अटार्नी के रिपोर्ट को नजरअंदाज कर अपना फैसला रोके है।
खूब हो चुका है हंगामा, फिर भी मंडल आयुक्त ने रोका हुआ है फैसला
रूबी सौदा की सदस्यता को लेकर नियमों का हवाला देते हुए हरियाणा जनचेतना पार्टी (वी) व कांग्रेस के पार्षदों ने हाउस की बैठक से पहले जमकर बबाल काटा था। पार्षदों का आरोप था कि निगम एक्ट के अनुसार जो पार्षद लगातार तीन मीटिंगों में गैरहाजिर रहता है उसकी सदस्यता रद्द हो जाती है, लेकिन मंडल आयुक्त एक्ट को नजरअंदाज कर रूबी सौदा को बचाकर भाजपा को फायदा पहुंचाने का काम कर रही हैं। इस मामले को लेकर हाउस में भी जमकर हो हल्ला हुआ था और बकायदा रूबी सौदा की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए बैठक को स्थगित कर दिया गया था।
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