हरिद्वार जिला प्रशासन ने एक टीम का गठन किया है जो महाकुंभ के समय कोरोना की जांच के फर्जीवाड़े की जांच करेगी। महाकुंभ के दौरान एंटीजन जांच फजीर्वाड़े में पकड़ी गई लैब के संबंध मेंएक और खुलासा किया गया है। इसके अनुसार महाकुंभ के समय लैब की ओर से दी गई 90 हजार कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट में से चालीस प्रतिशत के लगभग फर्जी थीं। जिससे महाकुंभ केसमय की गईकोरोना की अन्य जाचों पर भी प्रश्न उठनेलगे हैं। इस मामले के खुलासे के बाद सरकार ने हरिद्वार के जिलाधिकारी को जांच करने को कहा। हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से सीडीओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है जो इस मामले की जांच करेगी। इस बीच स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की दी गई जानकारी के अनुसार लैब ने एक लाख लोगों की जांच की जिनमेंसे दस हजार लोगोंकी रिपोर्ट को पॉजिटिव दिखाया गया जबकि नब्बेहजार लोगों की जांच को निगेटिव दिखाया गया। आर्श्चकी बात यह है कि लैब द्वारा दी गई 90 हजार नेगेटिव रिपोर्ट्स में से 40 प्रतिशत रिपोर्ट फर्जी बताई गई है। इन रिपोर्टों को फर्जी माने जाने के पीछे वजह यह है कि आईसीएमआर के पोर्टल पर जब रियल टाइम डेटा चेक किया गया तो पता चला कि ये रिपोर्ट राजस्थान से एक बंद कमरे और कुछ सीमित मोबाइल नम्बरों से भरी गई हैं।