नई दिल्ली। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेपीएम द्वारा घोषित किए गए 20 लाख करोड़के बड़े पैकेज केबारे में विस्तार से बताया। आज विस्तार से ब्योरा देते हुए उन्होंने प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट टैक्स) केसंबंध में कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 (असेसमेंट ईयर 2020-21) के लिए पर्सनल इनकम टैक्स रिटर्न और अन्य रिटर्न की डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दी गई है। अब लोग अपना रिटर्न 30 नवंबर तक भर सकेंगे। इसके अलावा वेतन को छोड़ कर दूसरे प्रकार के भुगतान पर टीडीएस, टीसीएस की दर 31 मार्च 2021 तक 25 प्रतिशत कम की गई। इससे इकाइयों के हाथ में खर्च करने को 50,000 करोड़ रुपये की राशि आएगी। इसके साथ ही कर विवादों के निपटान के लिए लाई गई ‘विवाद से विश्वास’ योजना का लाभ भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। वित्त मंत्री के अनुसार इस योजना के तहत लंबित मामलों का निपटारा 31 दिसंबर 2020 तक आवेदन कर किया जा सकता है। वित्त मंत्री ने एक अन्य घोषणा में कहा कि सभी धर्मार्थ न्यासों, गैर-कॉरपोरेट कारोबारों, पेशेवरों, एलएलपी फर्मों, भागीदारी फर्मों सहित को उनका लंबित रिफंड जल्द लौटाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले सरकार पांच लाख रुपये तक के 18,000 करोड़ रुपए तक रिफंड करदाताओ को कर चुकी है। यह रिफंड 14 लाख करदाताओं को किया गया। इस प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का अर्थ यह नहीं कि हम दुनिया से कट जाएंगे। उन्होंने 15 हजार रुपये से कम मासिक सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को तीन महीने तक पीएम पर मिलने वाली राहत को बढ़ाकर 6 महीने तक के लिए कर दिया है। प्रधानमंत्री पहले ही घोषणा कर चुके थे कि ऐसे कर्मचारियों का तीन महीने का पीएफ का अंशदान (12 प्रतिशत नियोक्ता का और 12 प्रतिशत कर्मचारियों) का भुगतान ईपीएफओ को सरकार करेगी। इस स्कीम को अगस्त तक के लिए बढ़ाया गया है।
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