Himachal Political News : पेंशन के लिए सड़कों पर उतर रहे रिटायर्ड कर्मी : जयराम

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Himachal Political News : पेंशन के लिए सड़कों पर उतर रहे रिटायर्ड कर्मी : जयराम
Himachal Political News : पेंशन के लिए सड़कों पर उतर रहे रिटायर्ड कर्मी : जयराम

कहा, 10 तारीख को पेंशन देने का सरकार का फैसला शर्मनाक

Himachal Political News (आज समाज), शिमला : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पेंशनर्स की मांगों को लेकर एक बार फिर से मौजूदा प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। इस बार जयराम ठाकुर ने सरकार के उस निर्णय पर उसे घेरा है जिसमें कहा गया है कि रिटायर्ड कर्मचारियों को प्रत्येक माह की 10 तारीख को पेंशन दी जाएगी।

इस पर तंज कसते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की जनता को झूठी गांरटियां देकर सब्जबाग दिखाए गए। अब सत्ता में आने के बाद सीएम लोगों को परेशानी के अलावा कुछ भी नहीं दे पा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि प्रदेश के सीएम अब वित्तिय संकट का रोना रो रहे हैं। जबकि प्रदेश की स्थिति विधानसभा चुनाव से पहले भी ऐसी ही थी।

पेंशनर्स से हो रहा भेदभाव

सरकार हिमाचल प्रदेश के पेंशनर्स के साथ भेदभाव कर रही है। लंबे समय तक प्रदेश में अपनी सेवाएं देने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ सरकार का यह भेदभाव शर्मनाक है। पेंशनर्स के साथ सरकार यह भेदभाव क्यों कर रही है। जिन्हें अपने परिवार के साथ रहना चाहिए वह आज अपने हक की मांग को लेकर सड़कों पर हैं। क्या इसी दिन के लिए लोगों ने प्रदेश को अपनी सेवाएँ दी है कि जब वह उम्र के इस पड़ाव पर पहुँचे तो अपने हक के लिए सड़कों पर लड़ रहे हैं। सरकार पेंशन समय से देने से परहेज क्यों कर रही है। पेंशन लोगों का हक है और सरका इस मुद्दे को हल्के में न ले। प्रदेश के लोगों को ऐसा व्यवस्था परिवर्तन नहीं चाहिए, जिसमें हर आदमी को अपने वाजिब हक के लिए सड़कों पर उतरना पड़े।

हमने वेतन हमेशा एक तारीख व पेंशन पांच तारीख को दी

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में हमेशा वेतन हर महीने की एक तारीख को और पेंशन पांच तारीख को दी, लेकिन सरकार सेनानिवृत कर्मचारियों को दस तारीख को पेंशन दी जाएगी। सरकार पेंशनर्स के साथ इस तरह का व्यवहार कर रही है, जैसे वह पेंशन देकर अहसान कर रही है। पेंशन उनका हक है। लेकिन सरकार ऐसे पेंशन दे रही है जैसे कि सरकार अपनी जेब से दे रही है। पेंशनर्स के भी निर्धारित खर्चे होते हैं।

उन्हें अपनी दवाई और राशन का इंतजाम करना होता है। घर परिवार के खर्चे होते हैं। जब पेंशन देर से आएगी तो वह कहाँ से अपनी दवाई और खर्चे का इंतजाम करेंगे। इसलिए सरकार पेंशनर्स के मुद्दे को भी गंभीरता से विचार करे और पेंशन एहसान की तरह जारी करने की बजाय पेंशनर्स के हक की तरह समय से जारी करे।

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