चंडीगढ़ (आज समाज)। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मूल•ाूत स्वास्थ्य केंद्र ( पीएचसी), ढिल्लवां, जिला कपूरथला में तैनात कर्मचारियों की वेतन की बांट में हुए घोटाले की जांच बाद आरोपी एसएमओ डा. लखविंदर सिंह चाहल (सेवामुक्त) और पीएचसी, ढिल्लवां में तैनात सीनियर सहायक रणजीत सिंह को गिरफ्तार किया है। ब्यूरो के सरकारी वक्ता ने बताया कि जांच दौरान पता लगा है कि इस मुकदमे का एक आरोपी क्लर्क राजविंदर सिंह पहले •ाी सब- डिविजनल अस्पताल, बाबा बकाला, जिला अमृतसर में सैलरी में धोखाधड़ी करने के एक केस में शामिल था।
इस संबंधी उसके विरुद्ध साल 2013 में विजिलेंस ब्यूरो थाना अमृतसर रेंज में केस •ाी दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि इस बाद स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण वि•ााग के डायरेक्टर ने 2016 में इस आरोपी क्लर्क का तबादला पीएचसी ढिल्लवां में कर दिया था। ढिल्लवां के एसएमओ डा. लखविंदर सिंह चहल ने उक्त आरोपी विरुद्ध तनख्वाहों में धोखाधड़ी करने संबंधी मुकदमा दर्ज होने की जानकारी होने के बावजूद •ाी इस आरोपी क्लर्क को सैलरी का हिसाब रखने के लिए अपने जुबानी आदेशों पर एक अन्य कर्मचारी बिल क्लर्क रणजीत सिंह के साथ सहायक के तौर पर तैनात किया था।
उन्होंने आगे बताया कि पड़ताल दौरान आरोपी क्लर्क राजविंदर सिंह के अलग-अलग बैंकों से प्राप्त की बैंक स्टेटमैंटें से पता लगा है कि इस आरोपी ने लंबी छुट्टी पर चल रहे कर्मचारियों के नकली सैलरी और महंगाई •ात्तों के बिल तैयार किए थे और जिन पर उक्त आरोपी रणजीत सिंह द्वारा काउंटर साइन किए हुए थे और एसएमओ डा. चाहल द्वारा मंजूरी दी गई। क्लर्क राजविंदर सिंह ने खजाना दफ्तर •ाुलत्थ से यह जाली बिल पास करवा कर अपने निजी बैंक खातों में जमा कर कुल 14,46,550 रुपए गबन किया था। इस संबंधी ब्यूरो थाना, जालंधर रेंज में उक्त तीनों मुलजिमों डा. चाहल, रणजीत सिंह और राजविंदर सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। डा. चाहल और रणजीत सिंह को अदालत में पेश किया गया और दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल •ोज दिया गया और इस केस की आगे वाली जांच जारी है।