Research Seminar On Gita Mahotsav In MDU एम.डी.यू में गीता महोत्सव पर शोध संगोष्ठी

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Research Seminar On Gita Mahotsav In MDU

Research Seminar on Gita Mahotsav In MDU

आज समाज डिजिटल, रोहतक:

Research Seminar On Gita Mahotsav In MDU भारतीय संस्कृति में गीता का स्थान सर्वोच्च है। भगवत गीता का महत्त्व संपूर्ण मानव लोक के लिए प्रासंगिक है। यह उद्गार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने आज अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के उपलक्ष्य में संस्कृत विभाग द्वारा आयोजित शोध संगोष्ठी में बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए।

श्रीमद्भगवत गीता के महत्व को बताया Research Seminar on Gita Mahotsav In MDU

मुख्यातिथि प्रो. राजबीर सिंह ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में श्रीमद्भगवत गीता के महत्व को उद्घाटित कर इस संगोष्ठी का शुभारंभ किया। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि गीता में जीवन का सार है। उन्होंने बताया कि गीता में सृष्टि के संपूर्ण आध्यात्मिक पक्षों का समावेश किया गया है। उन्होंने इस संगोष्ठी के आयोजन के लिए संस्कृत विभाग को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

जीवन में गीता के महत्व पर प्रकाश Research Seminar on Gita Mahotsav In MDU

संगोष्ठी के प्रारंभ में वरिष्ठ प्रोफेसर डा. सुरेंद्र कुमार ने स्वागत भाषण देते हुए जीवन में गीता के महत्त्व पर प्रकाश डाला। डीन, एकेडमिक एफेयर्स प्रो. नवरतन शर्मा ने संगोष्ठी में बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की। प्रो. नवरतन शर्मा ने मनुष्य के जीवन में गीता के महत्त्व को रेखांकित किया। पंजाब विश्वविद्यालय के प्रो. वीरेंद्र अलंकार ने संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता गीता के अभिप्रेरणात्मक पक्ष को ध्यान में रखते हुए बीज वक्तव्य प्रस्तुत किया और गीता के महत्व को विद्यार्थियों के व्यवहारिक जीवन से जोड़ा।

गीता के गूढ़ रहस्यों को सहजता से बताया Research Seminar on Gita Mahotsav In MDU

दिल्ली विश्वविद्यालय के भूतपूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. मिथिलेश चतुवेर्दी ने संगोष्ठी की अध्यक्षता की। उन्होंने गीता के गूढ़ रहस्यों को बड़ी ही सरलतापूर्वक उपस्थित जन के समक्ष प्रस्तुत किया। मानविकी संकाय के डीन प्रो. हरीश कुमार ने गीता की संपूर्णता पर चर्चा करते हुए गीता में वर्णित संचार पक्ष को प्रदर्शित किया। संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में अध्यक्ष के रूप में उपस्थित पूर्व संस्कूत विभागाध्यक्ष प्रो. बलबीर आचार्य ने गीता में वर्णित उत्तम वर्ण व्यवस्था पर दार्शनिक पक्ष प्रस्तुत किया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्रो. विभा अग्रवाल ने संगोष्ठी के अंतिम सत्र की अध्यक्षता की तथा अपने व्यक्तव में गीता के विभिन्न आयामों को सामने रखा।

मंच संचालन डा. रवि प्रभात ने किया Research Seminar on Gita Mahotsav In MDU

डा. रवि प्रभात द्वारा प्रबुद्ध रूप से मंच संचालन किया गया। डा. श्री भगवान और डा. सुषमा नारा ने कार्यक्रम का समन्वयन किया। संस्कृत विभागाध्यक्षा डा. सुनीता सैनी ने अंत में आभार प्रदर्शन किया। इस संगोष्ठी में विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शोधार्थियों एवं प्रवक्ताओं ने शोध पत्र प्रस्तुत किए।

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