76th Republic Day Updates, (आज समाज), नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर आयोजित 76वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान शानदार झांकियां निकाली गईं। गुजरात की झांकी ने अपनी विरासत को संरक्षित करते हुए विकास की थीम को अपनाया। ‘अनंतपुर से एकता नगर – विरासत भी, विकास भी’ की थीम पर केंद्रित झांकी ने राज्य की सांस्कृतिक और विकासात्मक यात्रा को दर्शाया।

झांकी में सुंदर ‘पिथोरा’ पेंटिंग्स थीं, जो अपने आदिवासी समुदाय के दिल को दर्शाती थीं। राज्य में वायुसेना के विमानों के निर्माण, सेमीकंडक्टर उत्पादन में आत्मनिर्भरता, अटल ब्रिज, अंडरवाटर स्पोर्ट्स और आटो हब जैसी विकास की अभूतपूर्व परियोजनाओं को भी दर्शाया गया। ‘स्टैच्यू आफ यूनिटी’ ने चमक को बढ़ाया और भारत के लौह पुरुष को उनकी 150वीं जयंती के वर्ष पर याद किया।

झांकी के साथ पारंपरिक ‘मणिआरा’ गाते कलाकार माहौल में उत्साह भर रहे हैं। रविवार को भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, देश भर में लोग देशभक्ति की भावना में डूबे हुए बड़े उत्साह के साथ इस दिन को मना रहे हैं। सांस्कृतिक गीत हवा में गूंज रहे हैं और लोग तिरंगे में सजे हुए हैं, जो राष्ट्र में एकता और गौरव का प्रतीक है। माहौल बहुत उत्साहपूर्ण है, क्योंकि पूरा देश अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान के महत्व का सम्मान करने के लिए एकजुट हो रहा है।

उत्तर प्रदेश की झांकी में देवताओं के प्रति भक्ति पर जोर

उत्तर प्रदेश की झांकी ने प्रयागराज में पवित्र गंगा, अविरल यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर आयोजित महाकुंभ की भव्यता को दर्शाया। इसमें ‘समुद्र मंथन’ की कहानी और देवताओं के प्रति भक्ति पर जोर दिया गया है। झांकी के सामने अमृत कलश की प्रतिकृति थी, जो आगे की ओर झुकी हुई थी और पवित्र अमृतधारा के प्रवाह का प्रतीक थी। इसके चारों ओर साधु-संत शंख बजाते, आचमन करते और ध्यान करते हुए दिखाए गए, जबकि श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में स्नान करते हुए महाकुंभ के आध्यात्मिक सार को आत्मसात करते हुए दिखाई दिए।

झांकी की पृष्ठभूमि में भित्ति चित्रों और एलईडी स्क्रीन के माध्यम से अखाड़ों और अमृत (शाही) स्नान के लिए तैयार श्रद्धालुओं को दर्शाया गया है। इसका मूल, पौराणिक समुद्र मंथन हमें महाकुंभ के गहन ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की जानकारी देने का एक प्रयास है।

इस झांकी ने कुंभ 2025 के लिए मजबूत तकनीकी और डिजिटल तैयारियों को भी प्रदर्शित किया, जिसमें फुलप्रूफ सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र का प्रदर्शन किया गया। महाकुंभ के अवसर पर स्नान के लिए जाने वाले अखाड़ों का सीधा प्रसारण भी प्रयागराज की पवित्र भूमि और कर्तव्य पथ पर संगम का एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला एहसास कराता है।

 

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