Republic Day 2025: देश में आज गणतंत्र दिवस की धूम, कर्तव्य पथ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया

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Republic Day 2025: देशभर गणतंत्र दिवस की धूम, कर्तव्य पथ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फहराया तिरंगा
Republic Day 2025: देशभर गणतंत्र दिवस की धूम, कर्तव्य पथ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फहराया तिरंगा

Republic Day 2025 LIVE updates, (आज समाज), नई दिल्ली: भारत आज 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। दिल्ली के कर्तव्य पथ से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवसर को मनाने में तिरंगा फहराकर राष्ट्र का नेतृत्व किया। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ और 105-एमएम लाइट फील्ड गन, एक स्वदेशी हथियार प्रणाली का उपयोग करके 21 तोपों की सलामी दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गणतंत्र दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।

Mi-17 1V हेलिकॉप्टरों ने पुष्प वर्षा कर की परेड की शुरुआत

कर्त्तव्य पथ पर परेड की शुरुआत Mi-17 1V हेलिकॉप्टरों द्वारा पुष्प वर्षा करके की गई। इस दौरान देश के विभिन्न भागों से आए 300 सांस्कृतिक कलाकारों ने संगीत वाद्ययंत्रों के साथ देशभक्ति का गीत, ‘सारे जहां से अच्छा’ गाकर समा बांध दिया। राष्ट्रपति मुर्मू कर्तव्य पथ पर प्रतिष्ठित परेड समारोह का नेतृत्व कर रही हैं। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो परेड के मुख्य अतिथि हैं। दोनों राष्ट्रपति ‘पारंपरिक बग्गी’ में कर्तव्य पथ पर पहुंचे। भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट, राष्ट्रपति के अंगरक्षक ने उन्हें एस्कॉर्ट किया।

इन वाद्ययंत्रों के साथ गाए गए देशभक्ति के गीत

परेड की शुरुआत के समय देशभक्ति के गानों के दौरान जिन वाद्ययंत्रों को शामिल किया गया उनमें शहनाई, सुंदरी, नादस्वरम, बीन, मशक बीन, रणसिंह (राजस्थान), बांसुरी, करदी मजालू, मोहुरी, शंख, तुतारी, ढोल, घंटा, निशान, चंग, ताशा, संबल, चेंडा, इडक्का, लेजिÞम, थविल, गुदुम बाजा, तालम और मोनबाह शामिल हैं।

सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के विजेता

सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के गौरवशाली विजेताओं में परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार (सेवानिवृत्त) और अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त) शामिल हैं। परमवीर चक्र शत्रु के सामने वीरता और आत्म-बलिदान के सबसे विशिष्ट कार्य के लिए दिया जाता है, जबकि अशोक चक्र शत्रु के सामने वीरता और आत्म-बलिदान के समान कार्यों के लिए दिया जाता है, लेकिन शत्रु के सामने नहीं।

पीएम मोदी ने पहले युद्ध स्मारक पर अर्पित की पुष्पांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले प्रतिष्ठित इंडिया गेट पर स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस क्षण ने उन लोगों को श्रद्धांजलि देने की शुरूआत की, जिन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया। इसके बाद, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच की ओर बढ़े। राष्ट्रीय महत्व के आयोजनों में ‘जनभागीदारी’ बढ़ाने के सरकार के उद्देश्य के अनुरूप, परेड देखने के लिए लगभग 10,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है।

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