Repo Rate Change : RBI द्वारा अगले हफ्ते में होने वाली बैठक से रेपो रेट में कमी होने की उम्मीद है। जो की एक अच्छी खबर है। रेपो रेट में कमी मध्यम वर्ग के लोगो के लिए एक बड़ी रहत हो सकती है। जिसके साथ ही बयाज की दरों में कमी आएगी और महंगाई पर भी नियंत्रण स्थापित होगा। हलाकि RBI रेपो दर में 0.25% की कटौती कर सकता है।

क्या है रेपो रेट में कटौती का फायदा ?

रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर भारत में सरकारी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से पैसे उधार लेते हैं। जब RBI इस दर को कम करता है तो बैंक भी कम ब्याज दरों पर लोन दे सकते हैं। इसका मतलब है कि लोन लेने वाले लोगों को कम ब्याज देना होगा।

अगर रेपो दर कम होती है तो होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज दरें काफी कम हो जाएंगी। साथ ही कारोबारियों के लिए लोन लेना भी आसान हो जाएगा। परिणामस्वरूप, मुद्रास्फीति थोड़ी कम होगी, और आर्थिक विकास में सुधार होगा।

क्या है RBI का लक्ष्य

एक रिपोर्ट बताती है कि वित्त वर्ष 2025-26 में मुद्रास्फीति घटकर 4.7% रह सकती है, जो आरबीआई के लक्ष्य सीमा के भीतर है।

आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए, आरबीआई ब्याज दरों को कम करने और निवेश को आसान बनाने पर विचार कर रहा है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति 7 से 9 अप्रैल तक बैठक करेगी, और रेपो दर को कम करने पर निर्णय लिया जा सकता है।

कटौती कितनी बार हो सकती है

सूत्रों का कहना है कि आरबीआई 2025-26 तक तीन चरणों में कुल 0.75% रेपो दर में कटौती कर सकता है। फरवरी 2026 तक रेपो दर घटकर 5.5% हो सकती है, जो मध्यम वर्ग के लिए बहुत अच्छी खबर है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अगर वैश्विक बाजार में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता है, तो आरबीआई ब्याज दरों में चरणों में और कटौती कर सकता है, जिससे जनता को और राहत मिलेगी।

अगर अप्रैल में RBI रेपो रेट घटाने का फैसला करता है तो यह उन लोगों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी होगी जो लोन लेने या अपने कर्ज का बोझ कम करने की योजना बना रहे हैं। आसान शब्दों में कहें तो यह कई लोगों के लिए सुनहरा मौका होगा।

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