छट पर माता भ्रामरी की पूजा का विशेष महत्व
आज समाज डिजिटल, अम्बाला
Thread In Maa Temple : ऐतिहासिक शक्तिपीठ माता भ्रामरी देवी मंदिर बरवाला के बनभौरी गांव में स्थित है। नवरात्र में देश-विदेश से श्रद्धालु मां की पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचते है। मंदिर में नवरात्र पर सैकड़ों श्रद्धालु की संख्या में अखंड ज्योतें जलाई जाती है। Thread In Maa Temple
मंदिर का इतिहास Thread In Maa Temple
बनभौरी धाम मंदिर 400 साल पुराना है। मान्यता है कि माता भ्रामरी देवी व अष्टभुजी माता महिषासुर वर्धनी की मूर्तिया धरती से ही प्रकट हुई थी। ब्रहृमचारी, जिनके वंशज आज भी मंदिर की सेवा कर रहे है। उनकी मूर्ति भी यहां स्थापित है। मंदिर की बड़ी मान्यता है।
माता के दरबार में आकर श्रद्धालु श्रृद्धा के साथ धागा बांधकर मन्नत मांगते है। मन्नत पूरी होने पर यहां दरबार में हाजिरी लगाते है। जोड़ों मंदिर की विशेषता नवरात्र में नव दंपति नव-विवाहित (गठ जोड़े) खासतौर से पहुंचकर मां से मन्नत मांगते हैं। Thread In Maa Temple
अष्टमी और नवमी को कढ़ाई चढ़ाई जाती है। देवी रूपक कंजकों कन्याओं को भोजन कराकर यथाशक्ति दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है। मंदिर में धरती से प्रकट हुई मूर्तियों के अलावा मां काली, भैरों बाबा, राधा-कृष्ण, हनुमान व शिव परिवार शामिल है। Thread In Maa Temple
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Thread In Maa Temple: यहां पूर्ण विधि विधान के अनुसार ब्रहृमचारी के वंशज कौशिक परिवार से है जिनमे पुजारी श्यामलाल, रामनिवास, शिवकुमार, राजेश कौशिक, सुरेन्द्र कौशिक, सोनू व सुशील आदि द्वारा पूजा अर्चना कराई जाती है। वहीं मन्नत मांगने व मन्नत का धागा बांधने के लिए दरबार के पीछे एक विशेष स्थान बना हुआ है।
पूजा अर्चना करने से मिलती है सुकून व शक्ति
माता भ्रामरी सच्चे मन से मांगी हर मुराद पूरी करती है। यहां मंदिर में साक्षात माता विराजमान है जो भक्तों के दुख हरती है और उन्हें यहां पूजा अर्चना करने से सुकून व शक्ति मिलती है। माता के दरबार में मांगी मुराद पूरी होने पर श्रद्धालु भंडारा लगाते है। ऐतिहासिक शक्तिपीठ बनभोरी धाम बनभोरी मेले में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए पुरूष व महिला पुलिस के अलावा मंदिर के सेवादार तैनात हैं।
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