गणेश जी को ऐसे करें खुश Make Ganesha Puja

जैसे माँ वैष्णो जी की पूजा के साथ-साथ भैरो बाबा जी की पूजा के बिना अधूरी मानी जाता है। वैसे ही भगवान गणेश जी पूजा के साथ माँ लक्ष्मी जी औऱ माँ सरस्वती जी की पूजा की जाती है। गणेश जी को विघ्नहरण, माँ लक्ष्मी जी धनसम्पदा औऱ माँ माँ सरस्वती जी को विधा औऱ बुद्धि की देवी की पूजा करनी चाहिए।

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Make Ganesha Puja

गणेश जी को ऐसे करें खुश Make Ganesha Puja

आज समाज डिजिटल, अम्बाला: 
Make Ganesha Puja : सनातन धर्म में भगवान श्रीगणेश को प्रथम पूज्य देव माना जाता है। बुधवार का दिन गणेश जी की पूजा का विशेष दिन होता है। आदि पंच देवों में भी श्रीगणेश को एक प्रमुख देव माना गया है।गणेश जी की पूजा करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं इसीलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। जैसे माँ वैष्णो जी की पूजा के साथ-साथ भैरो बाबा जी की पूजा के बिना अधूरी मानी जाता है। वैसे ही भगवान गणेश जी पूजा के साथ माँ लक्ष्मी जी औऱ माँ सरस्वती जी की पूजा की जाती है। गणेश जी को विघ्नहरण, माँ लक्ष्मी जी धनसम्पदा औऱ माँ माँ सरस्वती जी को विधा औऱ बुद्धि की देवी की पूजा करनी चाहिए।

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Make Ganesha Puja : मान्यता है कि भगवान श्रीगणेश के नाम-स्मरण, ध्यान-जप,आराधना से आराधक की मेधाशक्ति यानि बुद्धि का विकास होता है, साथ ही उसकी समस्त कामनाओं की पूर्ति भी होती है। इसके साथ ही कार्यों में आने वाले विघ्नों व दुखों का भी नाश होता है, जिससे आनंद-मंगल की वृद्धि होती है।

एकदन्तं महाकायं तप्तकांचनसंनिभम्। लम्बोदरं विशालाक्षं वन्देsहं गणनायकम्।।

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जानकारों के अनुसार ओंकार का व्यक्त स्वरूप गणपति हैं। जिस प्रकार हर मंत्र के आरंभ में ओंकार का उच्चारण आवश्यक है, उसी तरह प्रत्येक शुभ अवसर पर भगवान श्री गणेश की पूजा अनिवार्य मानी गई है।

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Make Ganesha Puja

श्री गणेश पूजन सामग्री…

चौकी, श्री गणेश प्रतिमा, ‘पंचामृत के लिए : एक कटोरी दूध, आधा कटोरी दही, दो चम्मच शहद, एक चम्मच घी, दो चम्मच बूरा या शक्कर’ , – शुद्ध जल का पात्र, एक चम्मच, स्नान कराने के लिए एक थाली। , गणेश जी के वस्त्र, गणेश जी के आभूषण, यज्ञोपवीत, कलावा यानि मौली, चंदन,रोली, चावल, सिंदूर, सुगंधिति द्रव्य (अबीर गुलाल, इत्र), फूलमाला, पुष्प, दुर्वा, शमीपत्र, धूप, अगरबत्ती,दीपक, आरती, कपूर, नैवेद्य(मोदक, मेवा), केले, ऋतुफल और नारियल, पान का पत्ता (उसपर 1 सुपारी, दो लोंग व इलाइची रखकर बीड़ा बना लें), दक्षिणा के लिए रुपए (श्रद्धानुसार) (Make Ganesha Puja)

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गणेश जी की पूजा विधि

बुधवार के दिन प्रात:काल उठकर नित्यक्रम से निवृत होकर स्नान करे। इसके बाद पूजा आरंभ करनी चाहिए। गणेश जी का ध्यान लगाएं और पूजा प्रारंभ करें यदि इस दिन व्रत रखना है तो विधिपूर्वक व्रत का संकल्प लें। इसके बाद सामने श्री गणेश के लिए एक चौकी स्थापित करें, जिस पर लाला कपड़ा बिछा दें। उस पर श्री गणेश की प्रतिमा यानि मूर्ति विराजमान कर दे। यदि मूर्ति नहीं है तो एक पात्र में (छोटी प्लेट) सुपारी पर लाल कलावा लपेटकर चावलों के उपर स्थापित कर दें, बस भगवान श्री गणेश यहां साकार रूप में उपस्थिति हो गए। पूर्व या उत्तर की तरफ मुख करके बैठकर पूजा प्रारंभ करें। गणेश जी को पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि का चढ़ाए। पूजा में दुर्वा घास का प्रयोग अवश्य करें. गणेश जी दूर्वा घास चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं। गणेश जी को सूखा सिंदूर का तिलक लगाएं। इसके उपरांत भगवान गणेश जी की आरती करें और गणेश मंत्र का जाप करे।
मंत्र : ”ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।”

गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी, माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी।
माथे पर सिन्दूर सोहे, मूसे की सवारी, हार चढ़े, पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अँधे को आँख देत कोढ़िन को काया, बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया।
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी, कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी॥

गणेश पूजा का महत्व Make Ganesha Puja

गणेश जी की पूजा करने से भगवान गणेश सभी प्रकार के दुखों का नाश भी करते हैं। इसके साथ-साथ शिक्षा में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। रोग दूर होते हैं, धन से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होता है। मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है।

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