आज समाज डिजिटल, अम्बाला
Keeping Thursday Fast : यदि कुंडली में बृहस्पति ख़राब हो तो जातक को विवाह में रुकावट, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनके लिए गुरुवार व्रत करना विशेष रूप से फलदायी होता है। इस व्रत को पुरुष या महिलाऐं, कोई भी रख सकता है। गुरुवार का व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। व्रत करने से दरिद्रता दूर होती है और धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।
Read Also : अक्षय तृतीया: शुभ मुहूर्त और शुभ कार्य Good Luck And Good Work
Read Also : महादेव की आराधना से मिलता है मोक्ष Worship Of Mahadev Gives Salvation
गुरुवार व्रत क्यों किया जाता है Keeping Thursday Fast
हिन्दू धर्म में गुरुवार दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। गुरुवार व्रत करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। गुरुवार व्रत व्रत को करने से माँ लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है। इस व्रत को पुरुष या महिलाऐं, कोई भी रख सकता है। गुरुवार का व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस व्रत को करने से दरिद्रता दूर होती है और धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। यदि किसी जातक की शादी में रुकावट आ रही हो तो गुरुवार का व्रत करने से जल्दी शादी होती है। संतान सुख की कामना कर रहे लोगों के लिए भी यह व्रत बहुत फलदाई होता है।
Read Also : हनुमान जी ने भक्तों से जुड़ा शनिदेव ने दिया था वचन Hanuman Ji With Shani Dev
कब शुरू करें गुरुवार व्रत Keeping Thursday Fast
गुरुवार व्रत कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है इसलिए इसे एक खास मुहूर्त में ही शुरू करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार गुरुवार का व्रत शुक्ल पक्ष में गुरुवार व अनुराधा के योग से शुरू करना अच्छा माना जाता है। यह व्रत कितने समय तक रहना चाहिए इस भी कुछ नियम है। गुरुवार का व्रत 1, 3, 5, 7, 9, 11 या 1 से 3 साल या जीवन भर रख सकते हैं।
गुरुवार व्रत विधि Keeping Thursday Fast
- गुरुवार के दिन सुबह जल्दी उठकर व्रत करने का संकल्प करें।
- उसके बाद स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को साफ करके बृहस्पति देव को पीले वस्त्र अर्पित करें। इसके अलावा बृहस्पति देव को प्रसाद में पीले चने की दाल, मुनक्का, गुड़, हल्दी, पीला चावल और पीले पेड़े चढ़ाएं।
- इस दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है। माना जाता है कि केले के पेड़ में विष्णु भगवान का वास होता है इसलिए केले के पेड़ में जल अर्पित करें। इस दिन भक्तिभाव से बृहस्पतिवार की व्रत कथा पढ़े और पूजा करें।
- इस व्रत में पीली चीज़ें खानी चाहिए। इस दिन आप फलाहार करें या रात में पीले चने की दाल या अन्य पीली चीज़ें खा कर व्रत पूरा करें।
Read Also : 10 Largest Hanuman Statues भारत में यहां है 10 सबसे विशालकाय बजरंगबली की प्रतिमाएं
Also: पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors
Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar