छोटी काशी’ है श्री ग्यारह रुद्री मंदिर Choti Kashi Is ‘Shri Eleven Rudri Temple

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Choti Kashi Is 'Shri Eleven Rudri Temple

भगवान श्री कृष्ण ने आत्मिक शांति के लिए 11 रुद्रों की स्थापना की

आज समाज डिजिटल, अम्बाला। 
Choti Kashi Is ‘Shri Eleven Rudri Temple : पूरे देश में कैथल ही एक मात्र स्थान है, जहाँ 11 रुद्र स्थापित हैं। ये 11 रुद्र विलोहित, शास्ता, कपाली, पिंगल, अजपाद, अहिबरुध्न्य, भीम, विरूपाक्ष, चंड, भव व शंभु हैं। कैथल के चंदाना गेट स्थित श्री ग्यारह रुद्री शिव मंदिर आर्कषण का केंद्र है। इस मंदिर के कारण कैथल शहर को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का इतिहास महाभारत के युद्ध से जुड़ा है।

Choti Kashi Is 'Shri Eleven Rudri Temple

Choti Kashi Is ‘Shri Eleven Rudri Temple : मान्यता है कि ग्यारह रुद्री मंदिर की स्थापना भगवान श्रीकृष्ण ने उस समय की थी जब कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध समाप्त हाे गया था। युद्ध की समाप्ति के बाद भगवान श्री कृष्ण ने कौरव और पांडवों के बीच हुए युद्ध में मारे गए सैनिकों की आत्मिक शांति के लिए यहां 11 रुद्रों की स्थापना की थी। जिसके बाद पांडवों ने पूजा करवाई।

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भगवान शिव ने अर्जुन को प्रदान किया था पाशुपातास्त्र

भगवान शिव ने इसी स्थान पर प्रसन्न होकर अर्जुन को दर्शन दिए थे। ऐसा भी माना जाता है कि महाभारत के समय अर्जुन ने पाशुपत अस्त्र प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की आराधना की थी और भगवान शिव ने इसी स्थान पर प्रसन्न होकर अर्जुन को दर्शन दिए थे। तभी से आसपास के श्रद्धालु यहां पूजा करने लगे।

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महर्षि कश्यप ने भी मांगा था भगवान शिव से वरदान

इस मंदिर का इतिहास महर्षि कश्यप से भी जुड़ा हुआ है। महर्षि कश्यप ने भगवान शिव की तपस्या करके वरदान मांगा था कि भगवान शिव उनके पुत्र के रूप में जन्म लें। भगवान ने गाय माता के पेट से 11 रूपों में जन्म लिया इसलिए इन्हें सुरभि पुत्र भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि कैथल के अलावा देश में कहीं भी ग्यारह रुद्र नहीं हैं। इन रुद्रों के नाम विलोहित, शास्ता, कपाली, पिंगल, अजपाद, अहिबरुध्न्य, भीम, विरूपाक्ष, चंड, भव व शंभु हैं।

Choti Kashi Is 'Shri Eleven Rudri Temple
Choti Kashi Is ‘Shri Eleven Rudri Temple

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मंदिर की यह है विशेषता Choti Kashi Is ‘Shri Eleven Rudri Temple

शिव पुराण में लिखा है कि जो व्यक्ति महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के 11 रुद्रों पर जल चढ़ता है, उसकी मनोकामना पूर्ति होती है और उसके सारे पाप धुलकर हजार गाय दान करने के समान पुण्य प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि चार एकड़ में फैले मंदिर राम दरबार, माता दुर्गा, वैष्णो माता, राधा-कृष्ण मंदिर, महाकाली मंदिर, नवग्रह और राधे मंदिर की छटा देखते ही बनती हैं।

वर्तमान में मंदिर की यह है स्थिति Choti Kashi Is ‘Shri Eleven Rudri Temple

मंदिर में ही प्रबंधक कमेटी के सदस्यों द्वारा श्री ग्यारह रुद्री मंदिर स्कूल का संचालन किया जा रहा है जिसमें शहरभर से सैकड़ों बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूल के साथ ही बच्चों के लिए वाटिका भी बनाई गई है, जिसमें झूले लगे हुए हैं। इसके अलावा मंदिर के अंदर एक प्राचीन तालाब भी है, जिसमें श्रद्धालु विशेष अवसरों पर स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर में श्री भद्रकाली मंदिर, एक हॉल, एक मंच और आवास के लिए दस कमरें भी बनाए गए हैं। चंदाना गेट स्थित श्री ग्यारह रुद्री शिव मंदिर शहर के बीचों-बीच स्थित है। मंदिर की रेलवे स्टेशन से दूरी बहुत कम है। जबकि बस स्टैंड से इसकी चार से पांच किलोमीटर की है। बस स्टैंड से मंदिर पहुंचने के लिए चंदाना गेट का ऑटो लेना पड़ता है। जबकि रेलवे स्टेशन से पैदल ही पहुंचा जा सकता है।

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