आज समाज डिजिटल, मुंबई:
दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो के मामले में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को जीत हासिल हुई है। सुप्रीम कोर्ट 2800 करोड़ रुपये के मध्यस्थ पुरस्कार को बरकरार रखा है। इसमें ऊटफउ को मध्यस्थ पुरस्कार में रिलायंस इंफ्रा को 2,800 करोड़ रुपये और ब्याज का भुगतान करना होगा। जनवरी 2019 तक, ब्याज सहित नुकसान की कुल राशि 4,500 रुपये थी। अब यह राशि बढ़कर लगभग ब्याज सहित 2800 करोड़ का अवार्ड 5800 करोड़ तक पहुंच गया। मामला बिल्ड-आॅपरेट-ट्रांसफर आधार पर दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस के लिए रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और डीएमआरसी के बीच 2008 के समझौते से संबंधित है।
DMRC ने मध्यस्थता शुरू करने की मांग करते हुए एक अरबिट्रेशन क्लाउज लागू किया। साल 2017 में अरबिट्रल ट्रिब्यूनल ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर शाखा को हजार्ना दिया और डीएमआरसी को 2800 करोड़ रुपये से अधिक ब्याज का भुगतान करने का निर्देश दिया। 2018 में, दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ ने पुरस्कार को बरकरार रखा और डीएमआरसी को हजार्ने का भुगतान करने का निर्देश दिया। हालांकि, ऊटफउ को राहत देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने 2019 में मध्यस्थ निर्णय को रद्द कर दिया। इसके बाद रिलायंस इंफ्रा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और दिल्ली हाई कोर्ट के आर्बिट्रेशन अवार्ड को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी।
इसके बाद रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में 5 फीसद का अपर सर्किट लगा। शेयर 3।50 रुपये या 4।95 फीसदी की तेजी के साथ 74।15 रुपये पर कारोबार कर रहा था। इसने 74।15 रुपये के इंट्रा डे हाई और 71।30 रुपये के इंट्रा डे लो को छुआ है। 938,284 शेयरों के खरीद आदेश लंबित थे, जिसमें कोई विक्रेता उपलब्ध नहीं था। (साभार: इंडिया न्यूज)
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.