यमुनानगर। नगर निगम के फर्जी पत्र पर फर्जी आईडी बनवाकर रजिस्ट्री करवाने का मामला प्रकाश में आया है। जबकि प्रशासन की ओर से खसरा नंबर की रजिस्ट्री बंद करवाई गई हैं। निगम की ओर से जब फर्जी पत्र व आईडी की जांच की तो कार्यालय रिकॉर्ड में न तो इन पत्रों का कोई क्रमांक नंबर मिला और न ही अधिकारियों के हस्ताक्षर। आरोपितों द्वारा फर्जी पत्र बनाकर उसपर फर्जी हस्ताक्षर कर प्रॉपर्टी आईडी बनाई। मामले में नगर निगम आयुक्त धर्मवीर सिंह ने पुलिस को शिकायत दी। गांधी नगर थाना पुलिस ने तीन महिलाओं पर धोखाधड़ी, जालसाजी का केस दर्ज कर लिया है।
जानकारी के अनुसार नगर निगम आयुक्त धर्मवीर सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि प्रशासन की ओर से खसरा नंबर की रजिस्ट्री बंद की हुई है। रजिस्ट्री करवाने से पूर्व नगर निगम को रिपोर्ट करनी होती है कि यह आबादी में है या नहीं। लेकिन कुछ असामाजिक लोगों ने निगम के फर्जी लेटर पैड, फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी आईडी बनवाकर रजिस्ट्री करवा रहे हैं। कुछ दिनों पहले उन्हें पता चला कि राजबाला, पूनम अग्रवाल व बलजीत कौर ने निगम से फर्जी आईडी बनवाई है। जिसकी उन्होंने जांच करवाई। कार्यालय रिकार्ड अनुसार पाया गया कि महिला द्वारा प्रस्तुत किए गए पत्र निगम कार्यालय द्वारा जारी नहीं किए। पत्रों पर किए गए हस्ताक्षर भी नकली हैं और पत्रों पर लगाया गया क्रमाक नंबर भी निगम कार्यालय द्वारा नहीं लगाया गया है।
आरोप है कि आरोपित महिलाओं द्वारा यह पत्र स्वंय फर्जी बनाकर तहसीलदार कार्यालय से रजिस्ट्रियां करवाई जा रही है। कहीं न कहीं तहसील के कर्मी व अधिकारी भी इससे अंजान हैं। उधर, अधिकारियों का कहना है कि इसकी जल्द से जल्द जांच करवाएंगे। यदि यह आईडी फर्जी है तो रजिस्ट्री को कैंसिल किया जाएगा। बता दें कि कुछ दिन पहले निगम के पास एक व्यक्ति लेटर हेड लेकर पहुंच गया। उसने कहा कि उसे भी इस तरह की रिपोर्ट करवानी है। जब निगम अधिकारियों ने रिकार्ड चैक किया तो यह फर्जी पाया गया। निगम अधिकारियों ने तुरंत संज्ञान लिया और शिकायत पुलिस को दी। उधर, गांधी नगर थाना प्रभारी जसबीर सिंह का कहना है कि पुलिस ने मामले में तीनों आरोपी महिलाओं के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।