चंडीगढ़। हरियाणा ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान जुलाई से अक्टूबर, 2019 तक गत चार महीनों में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह के तहत 30.54 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर दर्ज की है, जो देश में सर्वाधिक है। इस अवधि के दौरान जीएसटी के रूप में 6,930 करोड़ रुपए एकत्र किए गए हैं। आबकारी और कराधान विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई बैठक में यह जानकारी दी गई।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कर चोरी को रोकने और जीएसटी संग्रह में सुधार करने के उद्देश्य से राज्य में जीएसटी के तहत लेफ्ट आउट फर्मों के पंजीकरण के लिए और फर्जी फर्मों के पंजीकरण को रद करने के लिए राज्यव्यापी पंजीकरण अभियान शुरू किया जाना चाहिए। बैठक में यह बताया गया कि जीएसटी के तहत कर चोरी को रोकने के लिए विभाग की कर अनुसंधान इकाई द्वारा नियमित रूप से आवक एवं बहिगार्मी आपूर्ति और कर भुगतान के बीच किसी भी बेमेल की पहचान करके पंजीकृत डीलरों की बिक्री की समीक्षा की जाती है। यह भी बताया गया कि 6,160 करदाताओं की पहचान की गई है जो कुल राज्य जीएसटी राजस्व में लगभग 80 प्रतिशत योगदान करते हैं। नियमित रूप से कर का भुगतान करने के लिए उन्हें और प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है और इसके परिणामस्वरूप पिछले चार महीनों के दौरान रिटर्न में काफी वृद्धि हुई है।
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