7000 मीटर से ऊंची 5 पीक चढ़ने पर मिलता है खिताब
(आज समाज) हिसार: हरियाणा के हिसार के गांव बालक की रहने वाले पर्वतारोही रीना भट्टी स्नो लेपर्ड खिताब जीतने के मिशन पर है। रीना 2 महीने पहले मात्र 20 घंटे और 50 मिनट में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट और दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से को फतह करके नेशनल रिकॉर्ड बना चुकी है। अब रीना की नजर स्नो लेपर्ड खिताब पर है। रीना का दावा है कि इस खिताब को आज तक कोई भारतीय नहीं जीत पाया है। इस खिताब को जीतने के लिए रीना को 7000 फीट की 5 पर्वत चोटियों पर चढ़ाई करनी होगी। रीना ने 1 चोटी पर चढ़ाई पूरी कर ली है। रीना ने इब्न सिना पीक (लेनिन पीक) 23,406 फीट (7,134 मीटर) फतेह कर ली है। रीना ने बताया कि कैंप साढ़े 6 घंटे चढ़ाई कर इस पीक को पूरा किया है। मैं दिल्ली से 14 जुलाई को गई थी। 18 जुलाई से चढ़ाई शुरू की 26 जुलाई को पीक पर चढ़ाई पूरी की। आज तक कोई भारतीय इस पीक पर नहीं चढ़ा है।
क्या है स्नो लेपर्ड खिताब
यह पूर्व में सोवियत संघ की ओर से शुरू किया गया खिताब था। सोवियत संघ के अलग-अलग देशों में 5 पीक पर चढ़ाई करने पर स्नो लेपर्ड का खिताब दिया जाता है। ताजिकिस्तान के पामीर पर्वतों में 3 पीक हैं, इस्माइल समानी पीक (पूर्व में कम्युनिज्म पीक) 7,495 मीटर (24,590 फीट), पीक कोरझेनेव्स्काया 7,105 मीटर (23,310 फीट), और इब्न सिना पीक (पूर्व में लेनिन पीक ) 7,134 मीटर (23,406 फीट) किर्गिजस्तान -ताजिकिस्तान सीमा पर है। तियान शान में 2 पीक हैं, जेंगिश चोकसु (पूर्व में पीक पोबेडा) किर्गिस्तान में 7,439 मीटर (24,406 फीट) और खान तेंगरी किर्गिस्तान-कजाकिस्तान सीमा पर 7,010 मीटर (23,000 फीट)। खान तेंगरी की ऊंचाई 6,995 मीटर (22,949 फीट) है, लेकिन इसकी हिमनदी टोपी 7,010 मीटर (23,000 फीट) तक बढ़ जाती है। इस कारण से, इसे 7,000 मीटर (23,000 फीट) की चोटी माना जाता है। इनमें पीक पोबेडा अब तक सबसे कठिन और खतरनाक पीक मानी जाती है, इसके बाद खान तेंगरी, इस्माइल समानी पीक, पीक कोरझेनेव्स्काया और लेनिन (इब्न सिना) पीक हैं।
स्नो लेपर्ड में यह 5 पीक शामिल हैं
1. इस्मोइल सोमोनी पीक 24,590 फीट (7,500 मीटर)
2. जेंगीश चोकसु 24,406 फीट (7,439 मीटर)
3. इब्न सिना पीक 23,406 फीट (7,134 मीटर)
4. शिखर कोरझेनेव्स्काया 23,310 फीट (7,100 मीटर)
5. खान तेंगरी 22,999 फीट (7,010 मीटर)