अक्सर लोगों को जब खुशियां मनाने का मन करता है तो वह मदिरा का प्रयोग करते हैं। वहीं, अधिकतर महिलाएं रेड वाइन का इस्तेमाल करती हैं। ऐसे में अगर आपको लगता है कि रेड वाइन का सेवन करना सेहत के लिए नुकसानदायक है तो आपको इस रिपोर्ट को जरा ध्यान से पूरा पढ़ना चाहिए। एल्जाइमर और याददाश्त बढ़ाने के लिए अक्सर रेड वाइन का जिक्र होता है। बता दें कि, जब एक भारतीय वैज्ञानिक ने इस समस्या को लेकर शोध किया तो उसने पाया कि रेड वाइन में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो एल्जाइमर की समस्या को धीरे-धीरे खत्म करने में मददगार साबित होते हैं।
याददाशत संबंधी समस्याओं में फायदेमंद है रेड वाइन, जानें कैसे ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक शोध में पाया गया था कि रेड वाइन में मौजूद प्रोटीन रिजर्वेराट्रॉल एपोई4 और सरटी1 नामक तत्व होते हैं जो एल्जाइमर जैसी समस्याओं से लड़ने में एक कारगर हथियार की तरह काम करते है। दरअसल, एपोई4 नामक प्रोटीन की अधिकता की वजह से एल्जाइमर का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में रेड वाइन में मौजूद प्रोटीन रिजर्वेराट्रॉल एपोई4 इसे रोकने में मदद करता है। जिसकी वजह से इसका खतरा कम हो जाता है।
रेड वाइन एपोई4 को रोकने में कारगर होता है ऐसे में एल्जाइमर और याददाश्त संबंधी बीमारी के इलाज में मदद मिल जाती है। लेकिन, बिना किसी डॉक्टर की सलाह के इसका इस्तेमाल कतई न करें। क्योंकि शास्त्रों में लिखा है कि अति सर्वत्र वर्जयेत। ऐसे में कोई भी कदम उठाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से विचार-विमर्श कर लें।
वहीं, एक भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक ने दावा किया था कि रेड वाइन का इस्तेमाल करने वाले, बिना सेवन करने वालों की तुलना में अधिक दिन तक जीवित और स्वस्थ रहते हैं। जब इस विषय में वैज्ञानिकों ने गहराई से शोध किया तो पाया कि रेड वाइन में रेसवेराट्रोल पाया जाता है जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि रेड वाइन के इस्तेमाल से याददाश्त और एल्जाइमर की बीमारी में सुधार के मौके काफी मिल जाते हैं और इसके इलाज में तकलीफ नहीं होती है।