- एपीसीपीएल की ओर से जारी 50 लाख रुपए की राशि के उपकरण वितरित
- 198 दिव्यांग नागरिकों को 378 सहायक उपकरण व बैटरी चालित तिपहिया साईकिल वितरित
- जब किसी चीज को हम दिल से चाहते हैं तो पूरी कायनाथ हमें उससे मिलने की कोशिश में जुट जाती है : उपायुक्त
- शरीर में कोई कमी है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उस समस्या की वजह से हमें जीवन में हार मान लेनी चाहिए : डीसी
- दिव्यांगजन भी आसमान की ऊंचाइयों को छूकर अपने ऊपर गर्व महसूस करवाएं : मोनिका गुप्ता
Aaj Samaj (आज समाज), Red Cross Committee, नीरज कौशिक, नारनौल :
जब कहते हैं ना जब किसी चीज को हम दिल से चाहते हैं तो पूरी कायनाथ हमें उससे मिलने की कोशिश में जुट जाती है। आज इसी का नतीजा है कि मेरे साथ स्टेज पर उपस्थित लोगों की मेहनत से यह संभव हो पाया है।
यह बात उपायुक्त मोनिका गुप्ता (आईएएस) ने जिला रेडक्रास समिति की ओर से सभागार में आयोजित दिव्यांगजन निशुल्क सहायक उपकरण व बैटरी चालित तिपहिया साईकिल वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही।
अरावली पावर कंपनी प्राईवेट लिमिटेड के सीएसआर योजना के तहत दिव्यांगजनों के लिए निशुल्क सहायक उपकरण वितरण शिविर का आयोजन किया गया। इस समारोह में पहले से एलिम्को भारत सरकार के उपक्रम द्वारा चिंहित किए गए 198 दिव्यांग नागरिकों को 378 सहायक उपकरण व बैटरी चालित तिपहिया साईकिल हेलमेट, स्मार्टफोन सहित वितरित किए गए।
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की इच्छा के अनुरूप एपीसीपीएल व आईजीएसटीपीपी कंपनी के सहयोग से दिव्यांगजनों को उपकरण वितरित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी भी किसी कारण से कोई दिव्यांगजन सहायक उपकरण के लिए रजिस्ट्रेशन कराने से वंचित रह गया था वह आज भी कार्यक्रम में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं ताकि उनको भी जल्द ही सहायक उपकरण वितरित करवाए जा सकें।
उन्होंने कहा कि जन्मजात हमारे शरीर में कोई कमी है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उस समस्या की वजह से हमें जीवन में हार मान लेनी चाहिए बल्कि हमें जीवन में आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता, कौन कहता है कि आसमा में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो आप तबीयत से उछालो यारो। आप सभी ऐसा काम करो की दिव्यांगजन भी आसमान की ऊंचाइयों को छूकर इस जिले व परिवार को अपने ऊपर गर्व महसूस करवाएं। उन्होंने कहा कि आज वितरित किए गए बैटरी चलित तिपहिया साइकिल व सहायक उपकरण के माध्यम से अब अपना कोई भी काम अच्छी तरह से कर पाएंगे।
डीसी ने नागरिकों को आश्वस्त किया कि भविष्य में भी वे कंपनियों के साथ तालमेल करके इस तरह के कार्यक्रम रेडक्रॉस के माध्यम से करवाते रहेंगे। उन्होंने बताया कि एपीसीपीएल की सीएसआर योजना के तहत आज लगभग 50 लाख रुपए की राशि के सामान वितरित किए गए हैं। इससे पहले भी कंपनी की ओर से बैटरी चलित तिपहिया साइकिल वितरण के लिए इस जिले के लिए दी गई थी।
डीसी ने रेड क्रॉस सचिव महेश गुप्ता की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्य को सफल बनाने में रेडक्रॉस सचिव व उनकी टीम का अहम योगदान रहा है। इस मौके पर उन्होंने नेत्रहीन कन्या विद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए गए स्वागत गीत की भी सराहना की।
इस मौके पर नगराधीश डॉ. मंगल सेन, एलिम्को सामाजिक न्याय मंत्रालय भारत सरकार से उप प्रबंधक मृणाल कुमार व एलिम्को सामाजिक न्याय मंत्रालय भारत सरकार से एलिम्को नोडल अधिकारी एसके रथ ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर एपीसीपीएल से मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीबी श्रीनिवास राव, एपीसीपीएल से अतिरिक्त महाप्रबंधक श्रीलता, एलिम्को से योगेश, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा, राकेश वशिष्ठ, डॉ. एस यादव के अलावा रेड क्रॉस समिति कार्यालय से डॉ. एसपी सिंह, पवित्रा, रेखा व अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
एपीसीपीएल की सीएसआर योजना के तहत 378 दिव्यांगजनों को किया सहायक उपकरण वितरित
नारनौल। जिला रेड क्रॉस सचिव महेश गुप्ता ने बताया कि एपीसीपीएल की सीएसआर योजना के तहत आज 71 दिव्यांगजनों को मोटराईज्ड ट्राई साइकिल, 36 को ट्राई साइकिल, 46 को व्हील चेयर, 32 को छड़ी, 120 को बैसाखी, 34 को कान की मशीन, 4 को रोलेटर, 7 को सुगम्य केन, 8 को स्मार्टफोन व 20 को कैलिपर वितरित किए गए।
10 को राजकीय महिला महाविद्यालय महेंद्रगढ़ में होगा दिव्यांगजन सहायक उपकरण वितरण समारोह
नारनौल। जिला रेडक्रॉस सचिव महेश गुप्ता ने बताया कि आगामी 10 जनवरी को राजकीय महिला महाविद्यालय महेंद्रगढ़ में दिव्यांगजन सहायक उपकरण व बैटरी चालित तिपहिया साईकिल वितरण समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसमें 250 दिव्यांगजनों को लगभग 60 लाख रुपए के उपकरण वितरित किए जाएंगे।
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