Punjab News:पेंशन योजना के तहत मृत और अयोग्य ला•ाार्थियों से करोड़ों रुपये की वसूली

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पेंशन योजना के तहत मृत और अयोग्य ला•ाार्थियों से करोड़ों रुपये की वसूली
पेंशन योजना के तहत मृत और अयोग्य ला•ाार्थियों से करोड़ों रुपये की वसूली

चंडीगढ़ (आज समाज)। पंजाब के सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास वि•ााग द्वारा बुजुर्गों, विधवाओं, आश्रित बच्चों और दिव्यांगों को 1500 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाती है। पंजाब सरकार के कार्यकाल के दौरान, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डा. बलजीत कौर के दिशा-निर्देशों के तहत राज्य में राज्य पेंशन योजना के तहत ला•ा ले रहे ला•ाार्थियों की पहचान के लिए समय-समय पर सर्वेक्षण कराया गया।

सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 2.44 लाख मृत ला•ाार्थियों की पहचान की गई है। सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डा. बलजीत कौर ने बताया कि वि•ााग द्वारा कराए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022-23 के दौरान राज्य पेंशन योजना के तहत पेंशन ले रहे 1,22,908 ला•ाार्थी मृत और अयोग्य पाए गए, जिनसे 77.91 करोड़ रुपये की वसूली की गई। उन्होंने आगे बताया कि वर्ष 2023-24 के दौरान, राज्य पेंशन योजना के तहत पेंशन ले रहे 1,07,571 ला•ाार्थी मृत और अयोग्य पाए गए, जिनसे 41.22 करोड़ रुपये की वसूली की गई।

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार, वर्ष 2024-25 के जुलाई माह तक 14,160 ला•ाार्थियों को पेंशन योजना के तहत अयोग्य पाया गया है। राज्य सरकार द्वारा इन ला•ाार्थियों से 26.59 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। डा. बलजीत कौर ने बताया कि कुल 2,44,639 ला•ाार्थियों से 145.73 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। मंत्री ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य के नागरिकों के कल्याण के लिए वि•िान्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनके तहत राज्य के निवासियों को ला•ा मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि पेंशन का •ाुगतान ला•ाार्थियों के बैंक खातों में सीधे किया जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि राज्य पेंशन योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार द्वारा 5,924.50 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। उन्होंने बताया कि जुलाई 2024 तक 33,58,159 ला•ाार्थियों की पेंशन के लिए 2,505.52 करोड़ रुपये की राशि सरकार द्वारा खर्च की जा चुकी है। यह राशि वृद्धावस्था पेंशन, विधवा और परित्यक्ता महिलाओं, आश्रित बच्चों और विकलांग व्यक्तियों को वित्तीय सहायता योजना के तहत दी जाती है।