महेंद्रगढ़: आजादी के मायने समझते हुए अपने अस्तित्‍व को पहचाने: प्रो. टंकेश्‍वर

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-स्‍वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हकेवि में विशेष ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित
-विद्यार्थियों ने भाषण के माध्‍यम से आजादी और उसके मायनों पर डाला प्रकाश
नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
आज हम अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और ऐसे में बेहद जरूरी है कि आज की युवा पीढ़ी आजादी के मायने समझे और अपने अस्तित्व को पहचानते हुए समृद्ध भविष्य के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करें। आजादी का अमृत महोत्स‍व एक ऐसा प्रयास है जिसके माध्यम से हम अपने देश की युवा पीढ़ी के साथ एक बार फिर से उन महान हस्तियों को याद कर पा रहे हैं, जिनके त्याग व बलिदान के कारण आज हम स्वतन्त्र हैं, यह विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने शनिवार को ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
विश्‍वविद्यालय के छात्र कल्‍याण अधिष्‍ठाता कार्यालय, राष्ट्रीय सेवा योजना, यूथ रेड क्रास इकाई व आजादी का अमृत महोत्‍सव अभियान के अंतर्गत आयोजित ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि यह प्रयास बेहद महत्‍वपूर्ण है। इसके माध्‍यम से हम आजादी के मायनों से न सिर्फ युवा पीढ़ी को अवगत करा पा रहे हैं, बल्कि उन्‍हें भविष्‍य की राह भी दिखा रहे हैं।  उन्होंने कहा कि आज उन्‍हें भारत को विश्वगुरु बनाने, ग्‍लोबल सुपरपावर के रूप में विकसित करने के लिए किस सकारात्‍मकता के साथ आगे बढ़ने की आवश्‍यकता है। प्रो.टंकेश्वर कुमार ने बताया कि आजादी तो हमें मिल चुकी है अब जरूरत है कि हम यह जाने कि यह आजादी कैसे प्राप्‍त हुई ? और इसे किस तरह से सुरक्षित रखते हुए हम खुद को विश्‍वपटल पर मजबूती के साथ स्‍थापित करें। आज की युवा पीढ़ी को जानना होगा कि आखिर दुनिया जीतने का मतलब क्‍या है ? भारत एक समय पर कैसे आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्‍थापित रहा था ? हम कैसे विश्‍व‍गुरू बन सकते हैं ? और हम कैसे हिंदुस्‍तानी होकर ग्‍लोबल सिटीजन के रूप में स्‍थापित हो सकते हैं ? कुलपति ने अपने संबोधन में आजादी और आजादी के बाद भारत के विकास, आत्‍मनिर्भर भारत के निर्माण, भारत को ग्‍लोबल व सुपरपावर बनाने की दिशा में जारी प्रयासों, चर्चाओं व योजनागत प्रयासों से युवाओं को जोड़ने की आवश्‍यकता पर जोर दिया और कहा कि उनकी भागीदारी से ही हम अपने लक्ष्‍यों को प्राप्‍त कर सकते हैं। कुलपति ने इस अवसर पर आयोजकों का भी आभार व्‍यक्‍त किया और कहा कि अवश्‍य ही इस क्रम में भविष्‍य में भी ऐसे ही आयोजन होते रहेंगे।
इससे पूर्व में छात्र कल्‍याण अधिष्‍ठाता प्रो. दिनेश कुमार गुप्‍ता ने विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्‍वर कुमार का परिचय प्रस्‍तुत किया। इसके पश्‍चात आजादी का अमृत महोत्‍सव अभियान की नोडल ऑफिसर प्रो. सारिका शर्मा ने इस आयोजन के उद्देश्य और इसके अंतर्गत आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों के विषय में जानकारी दी। कार्यक्रम में विश्‍वविद्यालय के विभिन्‍न विभागों के विद्यार्थियों ने आजादी से जुड़े विभिन्‍न विषयों को केंद्र में रखते हुए अपने विचार, भाषण, कविता व पोस्टर के माध्यम से प्रस्‍तुत किए । इनमें मनीषा, प्रिया भट्ट, सत्‍य प्रकाश, चारू, चंचल, अनुराग, भागीरथ प्रसाद, नीतिन, स्‍नेहलता, सृष्टि राजपूत आदि के नाम प्रमुख रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षा पीठ के डॉ. दिनेश चहल ने किया जबकि कार्यक्रम के अंत में धन्‍यवाद ज्ञापन उप-छात्र कल्‍याण अधिष्‍ठाता डॉ. आनंद शर्मा ने प्रस्‍तुत किया। कार्यक्रम में विश्‍वविद्यालय की विभिन्‍न पीठों के अधिष्‍ठाता, विभागों के अध्‍यक्ष, प्रभारी, शिक्षक, अधिकारी, शिक्षणेत्‍तर कर्मचारी, विधार्थी व शोधार्थी शामिल हुए।